College Lover Barish Sex
आप सबको मेरी गिली चूत और बड़ी नामाजी गांड से सलाम मेरा नाम आयशा है मैं 18 साल की हू और लखनऊ की रहने वाली हू. मैं बहुत ही कामुक लड़की हू मेरा फिगर 32-26-34 है पर हमारे मजहब मे लड़कियों को उतनी आजादी नहीं है. College Lover Barish Sex
तो मैंने लोगों से छिपकर अपनी जिस्मानी आग को संतुष्ट करने का खुद से इन्तेजाम कर लिया था मेरी तालीम लखनऊ के एक बड़े स्कूल से हो रही है. मैं पहले मदरसा जाया करती थी पर वहां सब बदबूदार बदसूरत मुस्लिम लड़के थे जो कि मुझे नहीं पसंद थे.
तो मैं अब्बू से बोलकर अपना दाखिला प्राइवेट स्कूल में करवा लिया वहां पहले ही दिन मैं कुशाग्र से मिली वो बहुत ही ताक़तवर और मर्दाना जिस्म का था उसके जैसा जिस्मानी ढांचा किसी का नहीं था पूरे क्लास मे उसके आगे पीछे लड़किया घुमा करती थी.
मैं मन ही मन उसको चाहने लगी थी पर कभी हिम्मत नहीं हुई उससे बोलने की एक बार छुट्टी के वक्त बहुत बारिश हो रही थी. और मैं पैदल ही घर जाया करती थी पर उस दिन भी मैंने वापस जाना शुरू ही किया था कि पीछे से कुशाग्र अपनी के टी एम से लौट रहा था.
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भीगने के बाद उसके डोले और भी साफ दिख रहे थे मैं तो उससे देखती ही रह गई और अपने होठों को काटने लगी उसने जब मुझे उसे घूरते हुए देखा तो उसने भी लिफ्ट देने के लिए पूछ लिया मेरी तो मानो बरसों की मन्नत पूरी हो गई थी.
मैंने देर ना करते हुए कुशाग्र को जकड़ कर पकड़ लिया मेरे स्तन उसके पीठ से रगड़ाने लगे. तो वो भी मेरे इरादे समझ गया था और रास्ते मे बार बार ब्रेक लगाकर मेरे स्तनों के स्पर्श से मुझे चिढ़ाने लगा. फिर थोड़ी सी हिम्मत करते हुए मैंने अपना हाथ उसके लंड पर रखा और उसे बहुत प्यार से सहलाने लगी.
उसने एक सुनसान जगह ले जाकर बाइक रोक दी और मुझे डांटते हुए बाइक से तुरंत उतरने को कहा और खुद भी बाइक बंद करके उतर गया. मैं डर रही थी कि अब क्या होगा और अपनी आंखे बंद करके सॉरी सॉरी बोलने लगी.
पर उसने आते ही मेरे चेहरे पर हाथ रखा और मुझे हल्के से किस करने लगा मेरा सारा डर एक मिनट मे गायब हो गया. और मैंने भी उसे बहुत प्यार से किस करना शुरू कर दिया हम दोनों किस करने मे इतना डूब गए कि बारिश के बारे मे भूल ही गए थे.
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मैं कुशाग्र की बाहों मे काँपने लगी तो कुशाग्र ने तुरंत मुझे एक पास के होटल मे ले गया और हीटर ऑन किया और मुझसे कपड़े बदलने को कहने लगा वो मुड़ कर चेंज करने लगा. तभी मैंने पीछे से उसे जोर से जकड़ लिया और उसकी पीठ पर किस करने लगी.
वो मुड़ा और मुझे बिना कपड़ों के के घूरते रह गया उसने अब मुझे अपनी बाहों मे भर लिया और मुझे किस करने लगा. अब मैं अपने दोनों टाँगों के बीच बहते हुए पानी को मेहसूस कर रही थी मेरी दोनों चूचियाँ तनकर कड़ी हो गई थी.
कुशाग्र ने धीमे से अपने हाथों से मेरी एक चूची को पकड़ा और रगड़ा मेरे मुह से दबी हुई सिसकियाँ निकलने लगी. मेरा पूरा जिस्म गरम हो चुका था और मुझे अब सिर्फ अपनी योनि मे एक लिंग की तड़प हो रही थी कुशाग्र धीरे धीरे मेरी होठों से मेरे स्तनों की ओर बढ़ने लगा.
मैं भी उसका सिर अपने जिस्म की ओर खीच रही थी उसने मेरा मेरे दोनों स्तनों को जमकर चूसना सुरु किया और दांतों से काटने लगा. मैं चिकने की कोशिश की तो उसने मेरे मुह पर हाथ रख दिया और मैं तड़प तड़प कर आहें भरने लगी.
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ऐसा सुख मैंने अपनी जिंदगी मे कभी मेहसूस नहीं किया था फिर उसने मुझे घोड़ी बना दिया और झुकाकर मेरी चूत से बह रहे पानी को चाटने लगा. फिर धीरे धीरे मेरी चूत मे उंगली डालने लगा जैसे ही उसने उंगली डाली मैं सातवे आसमान मे थी.
उसकी उंगलिया ठंडी थी और मेरी गरम चूत की आग को और भड़काने लगी उसने अपनी उँगलियों से जोर जोर धक्के मारे और मेरी चूत ने बहुत सा पानी छोड़ दिया. मैं वही बेड पर गिर पडी और हांफने लगी उसने भी मुझे नॉर्मल होने का वक्त दिया.
और फिर से मुझे बिठाकर मुझे अपना लंड चूसने को दिया मैं जिंदगी मे पहली बार इतना बड़ा लंड चूसने जा रही थी. मैंने अपने हाथों से बहुत प्यार से उसका टोपा खोला और धीमे से उसको अपने मुह मे भर लिया पर उसका लंड मेरे मुह से बहुत बड़ा था.
मैंने कुशाग्र की ओर देखा तो वो समझ गया मुझे क्या चाहिए उसने पूछा पक्का? और मैंने आंखे एक बार झपकाई उसने मेरे बाल पकड़े और जोर जोर से मेरे मुह मे अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. मुझमे तो मानो हवस की आग पूरे जोर से भड़क रही थी जो मैं सिर्फ कुशाग्र के लंड से शांत कराना चाहती थी.
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उसने लगातार 15 मिनट तक मेरे मुह से अपने लंड की चुदाई करवाता रहा फिर मेरे मुह मे ही झड़ गया. मैंने भी उसके सारे पानी की एक एक बूंद पीं गई कुशाग्र का लंड फिर से कुछ मिंटो मे तनकर खड़ा हो गया मैं भी मन ही मन अपनी पसंद पर इतरा रही थी.
इतने मे कुशाग्र ने मुझे घुमा झटके से अपना 9 इंच का लंड मेरे चूत मे डालने लगा. मैं तड़प तड़प कर चिल्लाने लगी पर उसने एक ना सुनी शायद मैं भी ऐसे ही बरसों से चुदना चाहती थी. मैंने भी उसे रुकने को न कहा और उसके लंबे मर्दाने ताक़तवर लंड का चरम सुख लेने लगी.
लगभग 10 मिनट बाद वो अंदर ही झड गया मैं भी थक कर हांफ रही थी और पहली चुदाई के प्यार भरे लम्हों को संजो रही थी. तभी कुशाग्र ने मुझे देखा और अपना लंड मेरे चेहरे के सामने कर दिया मैं भी उसकी आँखों मे देखकर उसके लिंग की पूरी सिद्दत से सेवा करने लगी.
कुछ देर चूसने के बाद कुशाग्र ने मुझे बाहों मे उठाकर सोफ़े पर ले गया जहाँ एक झटके मे उसने मेरे गांड मे अपने लंड को ढकेलकर मेरी गांड के चीरते हुए मेरी गांड फाड़ दी और जोर जोर से धक्का देने लगा. मैं हाफती और चीखती रह गई पर उसे पता था मैं यही चाहती थी और कभी उसे बोल ना पाती.
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लगातार 20 मिनट चोदने के बाद हम दोनों वही थक कर गिर गए फिर एक घंटे बाद जब हम जागे हमने साथ मे खुदको साफ़ करके कपड़े पहने और फिर उसने मुझे मेरे कॉलोनी के बाहर छोड़ा और खुद भी अपने घर चाला गया तबसे हम दोनों को जब मौका मिलता है हम एक दूसरे की जिस्मानी चाहतों को पूरा करते है। अपनी राय देने के लिए मेल करें। शुक्रिया.