3 Lund Ka Swad Ek Sath Chakha Hotel Me

3 Lund Ka Swad Ek Sath Chakha Hotel Me

Hindi Sex Story दोस्तों में आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची चुदाई की कहानी और मेरा सेक्स अनुभव बताने यहाँ पर आई हूँ जिसमे मैंने अपने भाई और उसके दो दोस्तों के साथ मिलकर मस्ती की और वैसे में पिछले दो सालों से अपने भाई के साथ भी बहुत कुछ कर चुकी हूँ और इसलिए में उम्मीद करती हूँ कि मेरे वो मज़े आप सभी को जरुर पसंद आएगें. 3 Lund Ka Swad Ek Sath Chakha Hotel Me.

दोस्तों में बहुत गोरी और सेक्सी भी हूँ और मेरी माँ से मुझे मेरा यह हॉट सेक्सी रंग रूप मिला है और मेरे गदराए बदन का सही नाप 34-30-35 है. दोस्तों मेरे बूब्स आकार में बड़े है, लेकिन वो ज्यादा नीचे लटकते नहीं है.

क्योंकि में हर दिन योगा करती हूँ और उनको अपने अच्छे आकार में रखने के लिए में उनकी मसाज बहुत देखरेख करती हूँ और अब मेरी चूत की बारी वो गुलाबी रंग की फूली हुई और चिकनी भी है, क्योंकि में हर दिन उसके बालों को साफ करती हूँ.

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दोस्तों यह घटना इस जनवरी महीने की है और मैंने जैसा कि अपना परिचय देते समय पहले ही बता दिया है कि एक अच्छी होटल में मैंने अपने चचेरे भाई और उसके दो दोस्तों के साथ अपने ज़िंदगी की सबसे हसीन और यादगार रात गुजारी.

दोस्तों वैसे आप सभी लोग यह बात जरुर सोच रहे होंगे कि उन तीन लोड़ो को मैंने कैसे संभाला होगा? तो में आप लोगों को बता दूँ कि में इस काम में बहुत माहिर हूँ और मुझे इसका बहुत ज्यादा अनुभव है, लेकिन तीन चूत के प्यासे लंड को एक साथ संभालना मेरे लिए भी वो पहला मौका था.

जिसको मैंने सफल कर दिखाया और मेरे भाई अतुल ने भी उस चुदाई के समय मन में एक पक्का निश्चय कर लिया कि वो भी मेरे इस काम को पूरा करने में अपना पूरा पूरा सहयोग देता रहेगा और उसने ठीक वैसा ही किया.

दोस्तों वैसे भी हम दोनों पिछले दो साल से हर कभी चुदाई करते आ रहे है और हम इस काम से कभी बोर ना हो इसलिए वो कभी अपने किसी दोस्त को भी बुला लेता है और हम सभी बहुत मज़े करते है. दोस्तों इसका मतलब यह था कि मैंने कई बार थ्रीसम तो किया था, लेकिन इस बार हम दोनों उसके भी बहुत आगे तक जाना चाहते थे.

फिर जनवरी की गुलाबी सर्दियों में अतुल में अपने दो दोस्त जिनका नाम शिवम् और मनीष को किसी भी तरह से हमारे इस प्लान में शामिल होने के लिए मना लिया था और वैसे मनाने की ज्यादा ज़रूरत नहीं थी, क्योंकि किसी भी लंड को कोई भी चूत मिल जाए तो वो कहीं भी दौड़े भागे चले आते है. फिर हम सभी लोग महाबलेश्वर में शाम के समय पर पहुँचे और फिर करीब सात बजे हमने रात का खाना खाकर हम बाहर घूमकर आ गए.

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करीब 8.30 के आसपास हम सभी लोग होटल में वापस आए तो मैंने बातों ही बातों में अतुल को पहले से ही बोल रखा था कि मुझे 4-5 इंच के लंड नहीं चाहिए क्योंकि इतने छोटे लंड कुछ काम के नहीं होते है इसलिए में आशा कर रही थी कि मनीष और शिवम् के लंड करीब करीब 6 या 7 इंच के तो होंगे ही?

अब हमारे उस बेडरूम में अतुल ने बड़ी धीमी सी आवाज में गाने लगा दिए थे और अपने लेपटोप पर उसने एक नंगा वीडियो लगा दिया था और में उसके बाद तुरंत बाथरूम में चली गई, लेकिन दोस्तों में सच कहूँ तो आज अपनी दमदार चुदाई के बारे में सोच सोचकर तो मेरी चूत पहले से ही बहुत गीली हो गई थी और फिर मैंने जब बाहर आकर देखा तो वो तीनों मेरे सामने पूरे नंगे खड़े थे और वो अपने अपने लंड को हाथ में लेकर हिला रहे थे.

तब मैंने ध्यान से देखा कि मनीष और शिवम् के लंड तो आकार में कुछ ज़्यादा ही बड़े और मोटे भी थे, वो करीब 6-7 इंच के तो ज़रूर होंगे. अब अपने सामने खुले तनकर खड़े तीन तीन लंड को देखकर मुझसे भी अब रहा नहीं गया और मैंने भी तुरंत अपने सारे कपड़े उतार दिए और मेरी मोटी गांड, बड़े बूब्स और गुलाबी चूत को देखकर शिवम् और मनीष के मुहं से अपने आप वाह मज़ा आ गया शब्द निकल पड़े.

फिर में तुरंत उनके पास आकर उनके पैरों में अपने घुटनों के बल नीचे बैठ गयी और अब में मनीष, शिवम् के लंड को पागलों की चूसने लगी, वो तो बहुत रसीले और गरम थे और मेरे ऐसा करने से उन दोनों की तो आहे निकल रही थी. दोस्तों मेरे उस भाई को चुदाई करते वक़्त गालियाँ देना बहुत पसंद है और वो उस रात को भी शुरू हो गया वो कहने लगा वाह छिनाल आज तुझे नये नये लंड मिल गये तो तू मेरा लंड भूल गयी क्या? ले मेरे लंड को भी चूस.

फिर मैंने उससे कहा कि में तेरा लंड पिछले दो साल से चूस रही हूँ और मैंने तेरा लंड चूस चूसकर इतना बड़ा कर दिया है फिर भी तुझे क्या चैन नहीं आया? चल अब आजा में तेरे भी लंड को थोड़ा सा मज़ा दे हूँ. अब शिवम् और मनीष उस रंग में आने लगे थे जिसकी वजह से वो दोनों बड़े उतावले हो रहे थे.

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तभी मनीष में मुझे अपनी गोद में उठा लिया और बेड पर लेटा दिया जिसके बाद मनीष ने मुझ पर भूखे की तरह टूटकर मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाना और चूसना शुरू कर दिया और अतुल ने मेरे दोनों पैरों को फैला दिए और वो मेरी गुलाबी चूत को चूमने चाटने लगा और तभी अचानक शिवम् मेरे ऊपर आ गए और उसने अपना 6 इंच का लंड मेरे मुहं में डाल दिया.

उसका मोटा लंड तो मेरे मुहं में घुस ही नहीं रहा था इसलिए मैंने थोड़ी और कोशिश की तब जाकर उसका मोटा लंड मेरे मुहं में बहुत मुश्किल से अंदर चला गया, लेकिन में आप लोगों को क्या बताऊँ मुझे वाह क्या मज़ा आ रहा था?

अतुल अपनी गरम लंबी जीभ से मेरी चूत को बहुत अंदर तक तेज़ी से चाटे जा रहा था और मनीष एकदम पागलों की तरह मेरे दोनों बूब्स को दबा रहा था और चूस रहा था उसके साथ साथ चूस भी रहा था और अब मेरे मुहं में शिवम् का लंबा, मोटा और गरम लंड कहर बरसा रहा था. मुझे आज ऐसा लग रहा था कि यह रात कभी खत्म ही ना हो और हम सभी अपने अपने कामों में ऐसे ही पूरी जिंदगी लगे रहे ऐसे ही मज़े करते रहे.

तभी कुछ देर के बाद सबसे पहले हम सभी में से शिवम् बोला कि वो अब झड़ने वाला है और वो इतना कहकर अपना लंड मेरे मुहं से बाहर निकालने वाला था, लेकिन तभी मैंने उसके लंड को पकड़ लिया और अब वो अपने लंड को मेरे मुहं में धक्के देकर झाड़ने लगा.

अरे दोस्तों में तो बताना ही भूल गई कि में हर लंड के रस की कितनी बड़ी दीवानी हूँ. मुझे लंड चूसना और उसका रस पीना बहुत अच्छा लगता है और इस काम की मुझे एक आदत सी हो गई है. में बड़े मज़े लेकर इस काम को मन लगाकर पूरा करती हूँ और में ऐसा बहुत बार कर चुकी हूँ.

फिर मैंने उसका लंड अपने मुहं में लेकर उसका पूरा का पूरा रस पी लिया और फिर में उसके लंड के आसपास लगे हुए बचे रस को भी मैंने अच्छे से चाटकर साफ कर दिया जिसकी वजह से शिवम् को बड़ा मज़ा आ रहा था. अब वो कहने लगा कि साले अतुल तूने इससे पहले कभी भी नहीं बताया कि तेरी यह बहन इतनी बड़ी चुदक्कड़ है, देख इसने तो मेरा सारा माल कितने मज़े से पी लिया और लंड को चाट चाटकर चमका भी दिया है, यह तो बहुत बड़ी छिनाल निकली.

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फिर अतुल कुछ बोले उससे पहले में बोली कि चूतिए तीन लंड को संभाल रही हूँ तो चुदक्कड़ ही हुई ना, चल अब तू मेरी चूत का रस पी ले क्योंकि तेरा लंड दोबारा से खड़ा होने में तो अभी बहुत समय लगेगा और तब तक तू अतुल के साथ मिलकर मेरी चूत को चाट, आज तू मेरी चूत को खा जा और यह सब देखकर मनीष तुरंत बीच में कूद पड़ा और वो बोला कि स्वाति मेरी जान अब तू एक बार मेरे लंड का रस भी पी ले, इसको अभी तक किसी भी लड़की ने अपने मुहं में नहीं लिया है, ब्लूफिल्म को देख देखकर मेरी भी बड़ी इच्छा होती है कि मेरा माल भी कोई पी ले प्लीज.

फिर मैंने अचानक से उसका लंड पकड़कर अपने मुहं में डाल दिया और में उसको बड़े मज़े लेकर चूसने लगी थी. जिसकी वजह से मनीष अब लंबी लंबी आहे भर रहा था और वो बहुत जल्दी झड़ने वाला था. इस बात का मुझे अंदाजा लग चुका था.

फिर तभी मैंने उसके लंड को बाहर निकालकर उससे कहा कि आ जा मनीष अपने लंड का सारा माल तू मेरे मुहं में डाल दे और अब वो अपने लंड को एक हाथ से पकड़कर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा. मुझे पता था कि अब कभी भी उसके रस की पिचकारी निकल सकती थी और इसलिए में अपना मुहं खोलकर उसका इंतज़ार कर रही थी.

तभी एकदम से मनीष का माल पिचकारी की तरह बाहर निकला और वो मेरे मुहं में जा गिरा उसका थोड़ा सा माल मेरे नरम होंठो गाल और नाक पर भी जा गिरा और मैंने उस माल को अपनी जीभ से चाटकर वापस अपने मुहं में डाल लिया. “3 Lund Ka Swad”

दोस्तों में सच बताऊँ तो मनीष का माल शिवम् के माल से बहुत ज़्यादा निकाला और वो बड़ा मस्त लग रहा था, वो एकदम गरम था. अब मनीष यह सब देखकर तो बहुत ही मज़े में बोल पड़ा कि स्वाति अगर तू मेरा माल हमेशा इस तरह पियेगी तो में पूरी जिंदगी भर तेरा सेवक भी बनने के लिए तैयार हूँ.

फिर मैंने मुस्कुराकर उसका सारा माल निगल लिया और उधर शिवम् और अतुल ने मेरी चूत को लगातार चाट चाटकर फुला दिया था. में इस काम में बहुत अनुभवी हूँ इसलिए मेरी चूत में भी बहुत ज़्यादा दम लंड लेने की ताकत और सभी को झेलने की हिम्मत है और इसलिए मेरी चूत इतनी जल्दी गीली नहीं होने वाली थी, लेकिन अतुल कुछ गोलियां हम सबके लिए लाया था और वो हम सबने ले ली.

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फिर करीब पांच दस मिनट में ही उन गोलियों का असर हमे अब दिख रहा था, उसकी वजह से मेरी उत्तेजना अब और भी ज्यादा बढ़ गयी थी और उन तीनो के लंड भी अब और भी ज़्यादा तनकर खड़े थे.

दोस्तों तब मैंने मन ही मन सोच लिया कि अब मुझे इस साले के लंड से अपनी चुदाई करनी है इसलिए मैंने मनीष को तुरंत नीचे लेटा दिया और फिर में उसके ऊपर आ गई. मैंने उसके लंड को पकड़कर उसको अपनी चूत में डाल दिया और में धीरे धीरे उस लंड के ऊपर बैठती चली गई जिसकी वजह से उसका सारा लंड अब मेरी चूत की गहराई में था. में उसके ऊपर बैठकर उसकी सवारी कर रही थी. “3 Lund Ka Swad”

फिर मैंने अतुल से इशारा करके कहा कि अतुल अब तू भी आ जा और तू अपना लंड मेरी गांड में डाल दे, आज तू फाड़ दे मेरी गांड को और फिर मेरे मुहं से यह शब्द सुनते ही अतुल तुरंत मुझ पर लपक पड़ा और उसने अपना पूरा लंड अपना पूरा दम लगाकर मेरी गांड में डाल दिया. इन सभी कामों की बहुत समय से आदत होने की वजह से उसका सारा लंड मेरी गांड में बहुत आराम फिसलता हुआ बिना किसी रुकावट के अंदर चला गया.

दोस्तों में यह बात आप सभी औरतों और लड़कियों को बताना चाहती हूँ कि गांड मरवाने में एक अजीब सा मज़ा है इसलिए आप लोग भी इस काम को एक बार ज़रूर करके इसके मज़े लीजिए इसके बाद जैसे ही आपकी गांड में लंड जाएगा आपका सारा बदन उस मस्ती में आकर झूम उठेगा.

अब मुझे एक सेक्सी वीडियो में देखा हुआ वो एक सीन याद आ गया और फिर मैंने शिवम् से बोला कि वो मेरे मुहं में अपना लंड डाल दे आअहह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ वाह मज़ा आ गया दोस्तों ऐसा मज़ा मैंने पहले कभी नहीं लिया था और उन तीनो लंड को भी यह सब करना बड़ा अच्छा लगा इसलिए वो तीनो अब बड़ी तेज़ी से मुझे हर एक जगह से चोदने लगे थे.

दोस्तों मनीष मेरी कामुक चूत को अपने मोटे लंड से चोदकर उसका फालूदा बना रहा था और अतुल हमेशा की तरह मेरी गांड को अपने लंड से पूरा अंदर बाहर करके फाड़ रहा था और इधर शिवम् अपना लंड मेरे मुहं में डालकर पूरा अंदर और फिर बाहर कर रहा था. “3 Lund Ka Swad”

लंड के हलक में जाने की वजह से मेरी तो साँस ही रुक रही थी, लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और हम सभी पूरे जोश में थे हमे एक अजीब सा नशा सा आ गया था और हम सभी एक अलग दुनिया में पहुँच चुके थे.

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फिर बहुत देर बाद मुझे ऐसे लग रहा था जैसे अतुल ने अपना वीर्य मेरी गांड में डाल दिया है और मनीष ने भी अपने लंड का रस मेरी चूत में उतार दिया था और बस कुछ देर के बाद में भी अब झड़ने वाली ही थी कि शिवम् ने अपना लंड मेरे मुहं से बाहर निकाला और उसने अपने रस की पिचकारी मेरे मुहं पर उड़ाई जिसकी वजह से मेरा पूरा मुहं उसके गरम चिपचिपे वीर्य से भर गया.

दोस्तों उसी वक़्त में भी झड़ गई जिसकी वजह से मेरी चूत का रस मनीष के लंड से भी चिपक रहा था और मैंने अब उन सभी को अपने पास में बुलाया और मैंने उन सभी के लंड पर बचा हुआ वो माल मैंने दोबारा चाटना शुरू कर दिया. तब मैंने बहुत ध्यान से देखा कि वो तीनो लंड मुझे चोदकर लाल हो गए थे और फिर उसके बाद हम सभी लोग कुछ देर मस्ती करने के बाद वैसे ही पूरे नंगे ही सो गये.

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