गर्लफ्रेंड को उसके शहर में जाकर होटल में चोदा – Girlfriend ki Chudai

इंडियन गर्ल फक कहानी मेरी जिन्दगी की पहली गर्लफ्रेंड की पहली चुदाई की है. एक दोस्त की मदद से मेरी एक गर्लफ्रेंड बनी. जल्दी ही मैंने उसे सेक्स के लिए मना लिया.

नमस्ते, मेरा नाम रवि शंकर है.

मैं 27 साल का हूँ और दिल्ली का रहने वाला हूँ.

आज आपको मैं अपनी सच्ची इंडियन गर्ल फक कहानी सुनाने जा रहा हूँ.

जब मैं 19 साल का था तो सब लड़कों की तरह मैं भी चाहता था कि मेरे जीवन में भी कोई लड़की हो.

सुंदर सी … प्यारी सी … जिससे दिल खोल कर बातें कर सकूं, जिसके साथ वक्त बिता सकूँ.

पर अफसोस कोई थी ही नहीं.

उस वक्त मैं सोचता था कि मेरे सब दोस्तों की गर्लफ्रेंड हैं, बस मेरी ही नहीं है.

फिर मैंने सोचा कि मैं भी अब गर्लफ्रेंड बनाऊंगा.

लेकिन कैसे … यह एक बड़ा सवाल था.

उसी समय की बात है यह बात मैंने अपने दोस्त राहुल को बताई.

उसने कहा- बस इतनी सी बात … भाई मैं इस काम तेरी मदद अभी करे देता हूँ.

यह कह कर उसने अपने मोबाइल से एक नंबर निकाला और मुझे दे दिया.

उसने कहा- इस लड़की का नाम प्रिया है … इससे कोशिश कर, तेरी बात बन जाएगी.

यह मेरठ की है. मुझसे मैसेज पर बात करती थी.

मैंने नंबर रख लिया, पर सोचता रहा कि मैं उसे कॉल करके उससे बोलूँगा क्या?

ना वह मुझे जानती है … ना मैं उसे जानता हूँ.

अगले दिन वह दोस्त फिर से मिला, तो उसने पूछा- भाई, तेरी कोई बात हुई या नहीं?

मैंने उसे अपनी परेशानी बताई.

उसने कहा- तू ढक्कन का ढक्कन ही रहेगा.

लड़की का नंबर मिल गया, बात करने में भी सोच रहा है.

मैंने कहा- कैसे करूँ?

उसने कहा- भाई सीधा फोन कर, बात अपने आप शुरू हो जाएगी.

फिर मैंने उसे कॉल किया.

उस लड़की ने बोला- हैलो कौन!

मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि मैं उससे क्या बोलूँ.

तो मैंने फोन ही काट दिया.

मैं दिन भर सोचता रहा कि बात कैसे शुरू करूं, क्या बोलूँ.

मुझे लग रहा था कि मैंने कुछ बोला और उसे पसंद नहीं आया तो वह नाराज हो जाएगी कि मैं उसे परेशान कर रहा हूँ.

कहीं वह मेरा नंबर ही ब्लॉक ना कर दे.

यही सब सोचते सोचते रात हो गई.

उस वक्त रात के दो बज रहे होंगे.

पता नहीं मेरे मन में क्या आया, मैंने सीधा मैसेज में ‘आई लव यू.’ लिखा और उस लड़की को भेज दिया.

फिर पांच मिनट के बाद मैंने सोचा कि यार मैंने ये क्या भेज दिया.

अब मैसेज डिलीट भी नहीं कर सकते थे क्योंकि वह जा चुका था.

मैंने सोचा कि अब और कुछ लिखने से कोई फायदा नहीं है.

सॉरी का मैसेज भेजूं या ना भेजूं … यही सोचता सोचता सो गया.

अगले दिन प्रिया का फोन आया.

उसने पूछा- आप कौन बोल रहे हो?

मैंने कहा- मैं रवि बोल रहा हूँ.

उसने कहा- कौन रवि … मैं कोई रवि को नहीं जानती.

एक पल रुकने के बाद उसने वापस कहा- क्या आप मुझे जानते हो?

पता नहीं मेरे मन में क्या आया, मैंने बोला- नहीं, मैं आपको नहीं जानता.

अब वह गुस्सा में बोली- जब जानते नहीं, तो कल रात आपने आई लव यू का मैसेज क्यों भेजा?

मैंने डरते हुए कहा- सॉरी, वह गलती से चला गया था.

यह कह कर मैंने फोन काट दिया.

मैंने सोचा जो भी बात होनी थी, अब वह कुछ नहीं हो पाएगी.

पर उसकी आवाज सुनकर मुझे बड़ा सुकून मिला था और अब मुझे बस प्रिया से बात करनी ही थी.

मैंने एक कहानी बनाई और उसे फिर कॉल किया.

मैंने उससे कहा- आपको पता है मैंने आपको आई लव यू का मैसेज क्यों किया?

क्योंकि मुझे लगा आप मेरी गर्लफ्रेंड मनीषा हो. लेकिन जैसे ही आपकी आवाज सुनी, आप कोई और थीं … इसलिए फोन काट दिया.

उसने कहा- ये क्या बकवास कर रहे हो आप?

मैंने कहा- दो महीने हो गए मनीषा से बात किए हुए.

वह बोली- तो मैं क्या करूँ?

मैंने कहा- आप पहले सुन तो लो कि मैंने आपको मैसेज क्यों किया था.

वह बोली- ठीक है, सुनाओ.

मैंने काल्पनिक कहानी सुनानी शुरू की- हुआ यूं कि उस वक्त रात के 11 बजे थे, जब मैं उससे फोन पर बात कर रहा था.

बात करते करते उसके कमरे में उसके पापा आ गए और पूछने लगे कि इतनी रात को किससे बात कर रही हो?

शायद उसके पापा ने उसका फोन छीन लिया.

उसके बाद से उसका नंबर बंद आ रहा था.

मैं उसके फोन आने का इंतजार करता रहा, उसका फोन नहीं आया.

प्रिया- फिर क्या हुआ?

मैं- फिर पिछले एक महीने से उससे बात करने की कोशिश कर रहा हूँ … लेकिन उसका फोन लगातार ऑफ ही आ रहा है.

कल भी फोन ट्राई कर रहा था और आई लव यू भी उसी को लिखा था.

मेरी कहानी सुनकर प्रिया ने बताया कि उसने एक महीने पहले ही यह नया नंबर ही लिया है.

बस यहां से प्रिया से बात करने का सिससिला शुरू हो गया.

उसके बाद मैं उसे हर दिन सुबह सुबह गुड मॉर्निंग और रात को गुड नाईट का मैसेज भेजने लगा.

कभी कोई बहाने से तो कभी कोई बहाने से उसे कॉल करने लगा.

आपको सच बताऊं कि उसकी आवाज बहुत प्यारी थी.

उस समय व्हाट्सएप नहीं हुआ करता था.

मैंने उससे फेसबुक पर फोटो दिखाने को कहा.

उसने अपनी फोटो भेजी, बहुत प्यारी थी वह!

क्या बताऊं आपको … एकदम पटाखा थी.

उसने भी मेरी फोटो मांगी.

उसने मेरी फोटो देख कर कहा- आप भी बहुत अच्छे दिखते हो.

एक दिन मैंने उसे बता ही दिया कि मेरी कोई जीएफ नहीं थी.

आपसे कैसे बात शुरू करूं, बस इसलिए झूठ बोला था.

वह बोली- यह बात मैं पहले से ही जानती थी क्योंकि मेरा यह नंबर बहुत पुराना है.

शायद जैसे मैं अकेला था, वह भी अकेली थी.

पर जो भी हो, हम दोनों की अच्छी बन रही थी.

फिर एक दिन मैंने मौका पाकर उससे अपनी दिल की बात बोल ही दी.

उसने थोड़े नखरे दिखाए लेकिन मान गई.

अब तक हम दोनों को बात करते हुए एक महीना हो गया था; हम दोनों एक दूसरे से मिलना चाहते थे.

पर दिक्कत यह थी कि वह मेरठ में रहती थी.

उससे मिलने के लिए घर में झूठ बोलना पड़ता.

मैं उस समय 19 साल का था और पढ़ाई करता था.

पॉकेट मनी के नाम पर मुझे केवल 500 ही मिला करते थे.

मैं उससे मिलने के लिए पागल था.

मैंने अपने दोस्त से 4000 लिए और घर में बोला- मैं अपने दोस्तों के साथ मेरठ जा रहा हूँ.

शाम तक वापस आ जाऊंगा.

मुझे अनुमति मिल गई.

अगले दिन मैं मेरठ पहुंच गया.

उसने बताया कि कुछ दिनों पहले ही एक नया रेस्तरां खुला है, हम दोनों वहीं मिलेंगे.

मैं सुबह 10 बजे ही रेस्तरां पहुंच गया.

उसे आने में देर हो गई थी. वह 11 बजे पहुंची.

उसके लेट होने से मैं थोड़ा गुस्सा भी हो गया था.

मैं बैठे बैठे सोच रहा था कि जब वह आएगी, तो मैं उससे लेट होने के लिए गुस्सा करूंगा.

लेकिन यह क्या …

जब वह मेरे सामने आई, तो कुछ अलग सा अहसास हुआ.

उस वक्त की फीलिंग क्या बताऊं …

इससे पहले इतनी सुंदर लड़की मैंने कभी देखी ही नहीं थी.

इतनी गोरी इतना प्यारा मुखड़ा, इतनी शानदार चितवन आह उसने जो फोटो भेजी थी, सामने से वह बहुत अलग थी.

एक पल को तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि यह खूबसूरत लड़की मेरी गर्लफ्रेंड हो सकती थी.

मैं उसके सामने कुछ भी नहीं था.

वह आई, उसने कहा- तुम ही हो ना!

मैं तो कुछ बोल ही नहीं पा रहा था.

उसने हाथ मिलाया और सामने वाली कुर्सी पर बैठ गई.

क्या बताऊं दोस्तो, सच में उस टाइम 5 मिनट से ज्यादा तक मैंने कुछ बोला ही नहीं.

उसने कहा- क्या हुआ, मैं पसंद नहीं आयी क्या?

बस मैंने उससे इतना कहा- मुझे अपनी किस्मत पर विश्वास नहीं हो रहा है कि मुझे इतनी सुंदर गर्लफ्रेंड मिल सकती है.

मैंने उससे वहीं पर दो घंटे से ज्यादा बात की होगी.

पर उसके साथ ऐसा लग रहा था कि अभी बस दो मिनट ही हुए हों.

मेरा जाने का बिल्कुल भी मन नहीं था … ना उसका.

ना चाहते हुए भी मैं वापस आ गया था.

लेकिन एक सप्ताह बाद मैंने फिर घर में बहाना बताया और उससे मिलने चला गया.

इस बार मैं घर में बोल कर निकला था कि रात को देर हो जाएगी, तो हो सकता है कि सुबह ही आऊं.

वैसे कोशिश करूंगा कि रात को वापस आ जाऊं.

मम्मी ने हां कह दी.

मेरी गर्लफ्रेंड प्रिया का बर्थडे जो था.

मैंने उससे वादा किया था कि इस बार का उसका बर्थडे उसकी लाइफ का सबसे बेस्ट बर्थडे बनाऊंगा.

तो मैंने होटल में पहले ही कमरा बुक कर लिया था.

इस बार हम दोनों होटल में मिले.

जब वह होटल में मुझसे मिलने आई तो वह अहसास मैं कभी नहीं भूल सकता.

वक्त जैसे थम सा गया था. मुझे मेरी सांसें तक सुनाई दे रही थीं.

उसकी प्यारी आंखें … मैं बस खो ही गया.

प्यार क्या होता है … यह मैंने उस लड़की से मिल कर ही जाना था.

मैंने उसके लिए केक पहले से ही मंगवा रखा था.

उसने पहले केक काटा, फिर मुझे खिलाया.

फिर मैंने थोड़ा केक उसके चेहरे पर लगाना चाहा लेकिन उससे पहले ही उसी ने मेरे ही चेहरे पर केक लगा दिया.

मैं भी कहां छोड़ने वाला था.

मैंने भी उसके चेहरे पर केक लगा दिया.

हम दोनों के चेहरे केक से खराब हो गए थे लेकिन वह तो और भी क्यूट लग रही थी.

वह अपना चेहरा धोने के लिए वाशरूम की तरफ जाने लगी तो मैंने कहा- बाबू वाशरूम क्यों जा रही हो. लाओ मैं साफ कर देता हूँ.

मैं उसके चेहरे में किस करने लगा.

उसने मुझे बांहों में पकड़ लिया.

मेरे किस करने से वह होश खोने लगी.

तब मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लिटा दिया.

खुद भी मैं उसके ऊपर लेट गया और पागलों की तरह उसे किस करने लगा.

उसकी सांसें तेज होने लगीं.

मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसकी ब्रा का हुक खोलने लगा.

अब उसकी दोनों चूचियां मेरे सामने थीं.

उसकी रसभरी चूचियों को देख कर मेरा हथियार सलामी दे रहा था.

मैंने उसकी पैंटी उतारी.

उसकी चूत का नन्हा सा छेद देख कर मैं पागल हो गया और मैंने झट से अपने सारे कपड़े उतार कर अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया.

उसकी चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी तो हथियार सटाते ही फिसल कर अन्दर चला गया.

उसकी चूत बहुत नर्म थी.

ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड जन्नत की सैर कर रहा है.

शायद वह चुदी हुई थी.

उसने मजे से लंड खा लिया था.

मैंने पूछा तो उसने बताया- नहीं, मैं अपनी चूत में मूली गाजर लेती हूँ जिस वजह से मेरी खुली हुई है.

मैंने भी सोचा कि मां चुदाने दो … पेड़ गिनने से क्या फायदा … आम चूसो और मजा लो.

मैं उस पर पिल पड़ा और बीस मिनट तक मैं उसकी चूत में गोता खाता गया.

इंडियन गर्ल फक करने से उसकी चूत में ही मेरा वीर्य निकल गया.

झड़ने के बाद मैं उसके ऊपर ही ढह गया.

कुछ मिनट ऐसे ही लेटने के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

मैं उसे अभी और चोदना चाहता था.

पहले तो मैंने बिना ज्यादा सोचे समझे बस उसे चोद दिया था लेकिन अब उसे मजे ले लेकर चोदना चाहता था.

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इस बार मैंने उसकी चूत के दीदार आराम से किए.

फिर मैंने उससे पूछा- क्या तुमने कभी अपनी गांड में उंगली की है?

पहले तो उसने मना किया लेकिन फिर उसने बता ही दिया कि हां वह कभी कभी अपने पीछे वाले छेद में उंगली किया करती है.

तभी मुझे न जाने क्या सूझा, मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहने और बाहर निकल गया.

वह मुझे पुकारती रह गई पर मैंने उससे दस मिनट में आने का कहा.

मैं नीचे गया और उधर सब्जी वाले से दो मोटी गाजरें ले आया.

इस बार मैं उसकी चूत व गांड में एक साथ गाजर डालना चाहता था.

मैंने सोचा था कि साली चुदी चुदाई तो है ही हो सकता है कि इसकी गांड भी फटी हुई हो.

उसने देखा कि मैं बाहर से गाजर लेकर आया हूँ तो उसने पूछा- ये गाजर क्यों लाए हो?

मैंने बस उसकी तरफ देखा और एक मुस्कान दे दी.

वह समझ गई कि मैं क्या करने वाला हूँ.

तो वह कहने लगी- देखो ऐसा मत करो … पीछे बहुत दर्द होता है और मजा भी नहीं आता.

मैंने उससे कहा कि अगर तुम मुझे गाजर नहीं घुसाने दोगी, तो कम से कम मुझे पीछे से करने दो.

वह मान गई.

मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी गांड पर सटा कर हल्का सा धक्का दे दिया.

मेरा लंड अन्दर जा ही नहीं रहा था.

फिर मैंने बहुत जोर से धक्का लगाया तो ऐसा लगा जैसे उसकी गांड फट गई हो.

वह बहुत जोर से चिल्लाई और रोने लगी.

उसने बोला- जल्दी निकालो इसे … नहीं तो मैं मर जाऊंगी

मैंने अपना लंड निकाल लिया.

वह अब भी रो रही थी तो मैं उसे चुप कराने के लिए किस करने लगा.

थोड़ी देर मैं वह चुप तो हो गई लेकिन कुछ करने नहीं दे रही थी.

मैंने बस उसकी चूचियां पकड़ लीं और चूसने लगा.

उसे दर्द हो रहा था.

थोड़ी देर बाद वह बोली- तुम बहुत बदमाश हो.

दिखने में तो शरीफ लगते हो.

वह वापस सही हो गई थी.

फिर मैं उसे लिप किस करने लगा.

हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था.

फिर से चुदाई शुरू हो गई.

तीन बार सेक्स करके हम दोनों बहुत थक चुके थे और उसे अपने घर भी जाना था.

हम दोनों ने कपड़े पहने.

मैंने उसे उसके घर के बाहर तक छोड़ा और मैं भी सीधे ट्रेन पकड़ कर घर आने लगा.

रास्ते भर मुझे बस उसके साथ किया वही सब सेक्स याद आ रहा था.

तो दोस्तो, आपको मेरी यह इंडियन गर्ल फक कहानी कैसी लगी?

मुझे ईमेल करके जरूर बताइए.

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