बीवी की गांड उसका आशिक चोद रहा था

Bewafa Patni Porn

मेरा नाम सम्दिश है मैं औरंगाबाद में रहता हूँ, दो साल पहले मेरी शादी हुई थी, मेरी बीवी का नाम सिद्धी है। पहले वो स्कूल में मेरी जूनियर थी। हम एक ही कॉलेज में पढ़े, फिर हमारे बीच में प्यार हुआ.. उसके बाद हमारी शादी हो गई। Bewafa Patni Porn

मेरी बीवी की फिगर 32-26-34 है, लम्बाई 5’3″ है, वो एकदम गोरी है, मैं उसे बहुत प्यार करता हूँ। मेरी ऊँचाई 5’5″ है मेरा लंड 4.5 इंच का है पर शायद मेरी बीवी मुझसे संतुष्ट नहीं थी। हमारा कोई भी बच्चा नहीं है, इसका मुख्य कारण मेरे वीर्य में शुक्राणुओं की न्यून-संख्या का होना है।

पहले तो हम बहुत मस्ती करते थे, पर शादी के दो साल बाद तो मेरा लंड उसे बेकार लगने लगा, पर मुझे उस पर विश्वास था कि वो मुझे कभी धोखा नहीं देगी, पर शायद यह मेरी भूल थी। एक दिन की बात है, हमारे घर सिद्धी का बहुत पुराना स्कूल का दोस्त उससे मिलने आया हुआ था।

वो उसके साथ कुछ ज्यादा ही खुल कर बातचीत कर रही थी। मुझे लगा बचपन के दोस्त हैं इतना तो चलता ही है, सो मैं चुप रहा… मैंने कुछ नहीं कहा। उसका दोस्त हमारे ही शहर में रहने लगा था। इसी तरह एक महीना बीत गया, वो मुझे नहीं बताती थी कि उसका दोस्त घर आ जाया करता था।

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एक दिन मुझे ऑफिस से जल्दी छुट्टी मिल गई तो मैंने सोचा आज सिद्धी के साथ मूवी देखने जाऊँगा और उसको सरप्राइज देने के ख्याल से मैंने उसको फोन भी नहीं किया। मैं सीधे घर पहुँच गया, घर की रसोई से मुझे कुछ आवाजें सी आईं, आवाज़ बीवी और उसके दोस्त विशाल की थीं।

मैं चुपके से रसोई की तरफ गया, मैंने देखा कि उसका दोस्त मेरी बीवी की गांड से चिपक कर खड़ा है। मुझे गुस्सा आ गया, पहले तो मैं उसे मारने के लिए आगे बढ़ना चाहता था, पर पता नहीं क्यूँ मेरे दिल में विचार आया कि देखते हैं क्या चल रहा है? मेरी बीवी क्या करती है?

मैं अगले ही पल सन्न रह गया, विशाल ने सिद्धी को अपनी ओर घुमाया और झट से उसके होंठ चूमने लगा। पहले तो मेरी बीवी ने उसे हटाने की कोशिश की पर विशाल की पकड़ बहुत ही मज़बूत थी। सिद्धी उसकी गिरफ्त से नहीं छूट पाई या शायद वो उसकी बाँहों से निकलना ही नहीं चाहती थी। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

वो दस मिनट तक कसमसाती रही, विशाल ने सिद्धी के मम्मे दबाने दिए शुरू कर दिए। सिद्धी ने समर्पण कर दिया, अब सिद्धी उसके साथ विरोध नहीं कर रही थी। विशाल के चुम्बन का साथ तो नहीं दे रही थी पर उसे चूमने से रोक भी नहीं रही थी।

विशाल उसके होंठों को बेदर्दी से चूम रहा था और अपने हाथों से उसके मम्मों को मसल रहा था। अब सिद्धी के दिल में भी काम उजागर होने लगा था। अब विशाल ने अगला कदम उठाया और उसका टॉप उतार दिया। मैंने देखा कि सिद्धी ने अलग किस्म की ब्रा पहनी हुई थी जो उसके पास पहले नहीं थी।

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मुझे विश्वास हो गया कि यह ब्रा उसे विशाल ने ही लाकर दी होगी। फिर उसने ब्रा को फाड़ दिया। अब सिद्धी के 32 डी साइज़ के कबूतर आज़ाद हो गए थे। विशाल ने अपने एक हाथ से एक मम्मे को दबाया और दूसरे मम्मे को मुँह में ले कर चूसने लगा।

मेरी बीवी अपनी आँखें बन्द करके खड़ी रही, शायद उसको अपनी चूचियाँ चुसवाने में मजा आ रहा था। ऐसा 10 मिनट तक चला। दोनों वासना के इस खेल में इतने अंधे हो चुके थे कि उन्हें मेरी उपस्थिति का कोई भान ही नहीं हुआ था।

मेरी बीवी ने विशाल के बालों को सहलाते हुए उसे अपने मम्मों पर खींचा हुआ था और उसकी सिसकारियाँ बता रही थीं कि उसको अपनी चूचियाँ पिलाने में असीम आनन्द आ रहा है। अब विशाल ने उसकी चूचियाँ पीना छोड़ कर उसके होंठों को एक बार फिर से चूसना शुरू किया।

सिद्धी भी अब उसके होंठों के चुम्बन में उसका साथ दे रही थी। मैं जान चुका था कि मैंने अपनी बीवी को खो दिया है और वो भी एक ऐसे आदमी के हाथों मैं अपनी पत्नी को गवां बैठा हूँ जिसके बारे में मैंने भी कभी नहीं सोचा था कि वो कभी ऐसा भी करेगा।

विशाल ने 5 मिनट और सिद्धी को चूमा। फिर विशाल ने गोद में सिद्धी को उठाया और खाने की मेज पर उसको लिटा दिया। मेज पर दोनों एक बार फिर गुत्थम-गुत्था हो गए। कुछ ही पलों में विशाल ने सिद्धी की जीन्स उतार दी, सिद्धी ने गुलाबी रंग की थोंग पैन्टी पहनी हुई थी.

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जबकि सिद्धी ने मुझसे कई बार कहा था कि उसे इस तरह की पैन्टी पहनना पसंद नहीं है, पर आज उसे इस जरा सी कच्छी में देख कर मैं बहुत उदास हो गया था। अब मैं पूरी तरह समझ चुका था कि यह इनके प्रेम का चक्कर आज का नहीं बल्कि पहले से ही चल रहा था, तभी तो इस तरह के ब्रा और पैन्टी उसके तन पर पहले से ही थे।

वे दोनों पिछले एक महीने से दोस्तों की तरह से मिलने से ज्यादा ही कुछ कर रहे थे। विशाल ने उसकी पैन्टी को एक झटके में फाड़ दिया और मेरी सिद्धी की गुलाबी तंग चूत उसके सामने आ गई। उसने मेरी बीवी की चूत पर एक चुम्मी ली, वो हल्की सी चिहुंक उठी मचलने लगी।

विशाल ने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया।  सिद्धी ने अपनी चूत को उठा-उठा कर खूब चुसवाया और कुछ ही देर में वो एक सीत्कार के साथ झड़ गई। फिर विशाल ने उसकी चूत के अन्दर ऊँगली पेलना शुरू किया। पहले उसने एक ऊँगली अन्दर की, फिर सिद्धी की आँखों में झांकते हुए उसने दूसरी ऊँगली भी पेल दी। “Bewafa Patni Porn”

अब विशाल ने सिद्धी को ऊँगली से ही चोदना आरम्भ कर दिया था। जैसे ही उसने अपनी दूसरी ऊँगली डाली सिद्धी चिल्ला उठी, यह देख कर विशाल के चेहरे पर मुस्कान आ गई। उसने सिद्धी से कहा- पिछले 5 साल से तुम जिस लंड को ले रही हो, तुम्हारी चूत की कसावट को देख कर लगता है तो तुम्हारे पति का लंड नहीं कोई जरा सी लुल्ली ही होगी।

यह सुन कर सिद्धी उठी और उसकी पैन्ट उतार दी, जैसे ही उसने अंडरवियर नीचे को किया, मेरी आँखें फट गईं। उसका लंड लगभग 8 इंच का था, सिद्धी के चेहरे पर मुस्कान आ गई। उसने विशाल का लंड अपने मुँह में ले लिया, वो 15 मिनट तक उसे चाटती रही।

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अब विशाल ने उठ कर सिद्धी की चूत पर अपना हलब्बी लंड रगड़ा और मेरी बीवी का इशारा पाते ही उसने एक भरपूर धक्का लगाया और उसका 8 इंच का लंड सिद्धी की चूत में अन्दर पेल दिया। सिद्धी तिलमिला उठी, उसकी आँखों से आँसू बहने लगे।

ज़ाहिर सी बात है कि वे ख़ुशी के आँसू थे। विशाल ने उसे पकड़ कर धक्के लगाने शुरू कर दिए। सिद्धी सिसकारियाँ ले रही थी, वो कुछ ही पलों में झड़ गई, अब विशाल उसे और ज़ोर से चोदने लगा। सिद्धी भी दुबारा से जोश में आ गई और उसका साथ देने लगी। “Bewafa Patni Porn”

इस तरह करीब 20 मिनट बीत गए और सिद्धी इस दौरान कई दफ़ा झड़ चुकी थी। मेरे साथ चुदाई के वक़्त तो वो कभी कभी ही झड़ती थी। अब विशाल ने और तेज़ होकर सिद्धी की चुदाई करना शुरू कर दी शायद वो अपने चरम पर आ गया था।

करीब 5 मिनट बाद विशाल बहुत ही जोर से चिल्लाया और उसने अपना माल मेरी बीवी की चूत में झाड़ दिया, इसी के साथ सिद्धी भी फिर एक बार झड़ गई। अब वे दोनों निढाल हो कर एक दूसरे के साथ ही लिपट कर ढेर हो गए। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

उनकी चुदाई देख कर मैं वहाँ से एक हारे हुए इंसान की तरह चला आया। बाद में जब में घर आया तो मेरी बीवी बहुत खुश दिख रही थी। कुछ दिनों के बाद मालूम हुआ कि वो गर्भ से है और अब मेरी छिनाल बीवी का तीसरा महीना चल रहा है।

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मैं भी आज यही सोच रहा हूँ कि मेरा लंड छोटा होने से मेरी बीवी ने मुझसे बेवफाई की है। विशाल आज भी सिद्धी को चोदने आता है और मेरी लाचारी फ़ायदा उठाता है। लेकिन इसके बाद मुझे भी यह अच्छा लगने लगा, मैंने सिद्धी से कहा- यार तुम्हारा दोस्त कहाँ से है, बहुत ही अच्छा इंसान है, सो प्लीज़ इसको तुम चाहो तो यहीं रहने को बुला लो.. कैसा रहेगा?

सिद्धी मेरी बात सुन कर इतनी खुश हुई कि वो मुझे मुझे 5 मिनट तक चूमती रही। सिद्धी बोली- तुम्हारी इस बात से उसे बहुत अच्छा लग रहा है, तुम कितने अच्छे हो.. मैंने भी नसीब से समझौता कर लिया सिद्धी भी इस बात को जान चुकी थी कि उसके और विशाल जिस्मानी सम्बन्धों को मैं जान चुका हूँ।

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