Blouse Me Jhankti Hui Chuchiya Dikha Rahi Thi Chachi

Blouse Me Jhankti Hui Chuchiya Dikha Rahi Thi Chachi

Nai Rishto Me Chudai Hot Aunt मेरा नाम प्रकाश है, में भागलपुर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 25 साल है और में शादीशुदा हूँ। मेरी दिलचस्पी हमेशा शादीशुदा औरतो में होती है, जो साड़ी पहनती है, क्योंकि साड़ी में औरत काफ़ी सेक्सी और खूबसूरत लगती है, जिसे चोदने में भी काफ़ी मज़ा आता है। अब में आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ। यह बात एक साल पहले की है। Blouse Me Jhankti Hui Chuchiya Dikha Rahi Thi Chachi.

मेरे चाचा की नयी नयी शादी हुई थी, वो देहरादून में रहते है। में ऐसे ही घूमने के लिए देहरादून गया था, में चाचा के घर पर ही रुका था। मेरी दादी कुछ दिनों से बीमार चल रही थी, तो वो बुआ के घर चली गयी थी। फिर में सुबह चाचा के घर पहुँचा तो तब चाचा घर पर ही थे और काम पर जाने की तैयारी कर रहे थे। फिर वो मुझे देखकर बहुत खुश हुए, क्योंकि में उनकी शादी में नहीं गया था।

फिर चाचा ने मेरा परिचय चाची से कराया, चाची काफ़ी खूबसूरत तो नहीं, लेकिन एक अच्छे बदन की मल्लिका थी, उसका बदन भरा हुआ था, गोरा रंग, बड़ी- बड़ी चूचीयाँ, बड़ी-बड़ी काली आँखें, उन्हें और ज्यादा खूबसूरत बना रही थी।

अब में चाची को देखता ही रह गया था। तब चाची खुद ही मुझसे पूछ बैठी प्रकाश कहाँ खो गये? तो तब मैंने शर्माते हुए कहा कि कहीं तो नहीं और झुककर उनके पैर छू लिए, उनके पैर छूते ही मुझे एक अजीब सी ख़ुशी मिली थी, उसका गोरा पैर बिल्कुल नर्म मक्खन सा महसूस हुआ था। फिर मैंने चाची की नजरों में देखा तो वो भी सिहर उठी थी।

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फिर चाचा ने चाय बनाने को कहा तो तब चाची चाय बनाकर लाई। फिर हम तीनों ने चाय पी और उसके बाद चाचा ने मुझसे पूछा कि कैसे आए हो? तो तब मैंने कहा कि बस ऐसे ही घूमने चला आया, कल चला जाऊँगा। तब चाचा ने कहा कि अगर घूमने ही जाना है तो अपनी चाची को भी साथ ले जाना, मुझे तो समय ही नहीं मिलता कि कहीं घुमा पाऊँ। तब मैंने हाँ कह दिया। चाचा हमेशा रात के 11 बजे के बाद ही घर आते है।

अब में सफर से थक चुका था तो हल्का सा चाचा के बेड पर ही लेट गया था। अब मुझे लगभग नींद सी आ गयी थी और मेरे सपने में चाची का खूबसूरत जिस्म घूम रहा था, जिससे मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया था, जो मेरी पेंट के ऊपर से साफ दिख रहा था। तभी अचानक से मुझे एहसास हुआ कि मेरे लंड के पास कुछ रेंग रहा है। मेरी चाची मेरे लंड के पास अपने हाथों से सहला रही थी। फिर जैसे ही मैंने अपनी आँखें खोली तो तब चाची हडबड़ाकर उठ गयी और कहने लगी प्रकाश उठो पहले नहाकर फ्रेश हो जाओ, कुछ खा लो फिर सो जाना।

फिर तब मैंने कहा कि नहीं चाची अब रहने दो, अब और क्या सोना? में नहाकर फ्रेश हो जाता हूँ, तुम भी तैयार हो जाओ, घूमने जाना है ना? (यहाँ में आपको ये बता देता हूँ कि मेरे चाचा मुझसे उम्र में छोटे है, वो मेरे दादा जी की दूसरी बीवी की संतान है) तो तब चाची ने कहा कि ठीक है तुम जाकर तालाब में नहा लो, में बाथरूम में नहा लेती हूँ।

फिर में नहाने चला गया और जब वापस आया तो तब मेरे तो जैसे होश ही उड़ गये थे। अब चाची सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में शीशे के पास बैठकर खुद को संवार रही थी। वो पिंक कलर के ब्लाउज और पिंक कलर के ही पेटीकोट में थी, क्या गजब का नज़ारा था? अब मुझे शीशे में से उसके ब्लाउज में से झांकती हुई उसकी चूचीयों की गहराई साफ दिख रही थी।

अब में तो जैसे अपने होश ही खो बैठा था। तभी शीशे में चाची ने मुझे देख लिया, लेकिन उसने अपनी चूचीयों के बारे में कुछ भी ख्याल ना करते हुए मुझसे पूछा कि नहा लिए प्रकाश। तब मैंने खुद को संभालते हुए हाँ में जवाब दिया। तब चाची ने कहा कि कुछ चाहिए है? तो तब मैंने कहा कि हाँ मुझे कंघा चाहिए।

फिर तब उसने कहा कि यहाँ है ले जाओ। तो तब में बिल्कुल चाची के पास पहुँच गया और कंघा लेने के बहाने जरा सा उसके शरीर को छू लिया। अब जब चाची इतनी बिंदास होकर तैयार हो रही थी तो तब में भी वहीं खड़ा होकर चाची को देखते हुए तैयार होने लगा था। फिर जब चाची तैयार होकर खड़ी हुई तो कयामत लग रही थी पिंक कलर का ब्लाउज और पेटीकोट, होंठो पर पिंक कलर, अब वो बिल्कुल हुस्न की परी लग रही थी।

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फिर वो उठकर ठीक मेरे सामने आ गयी। अब उसकी दोनों चूचीयाँ बाहर आने के लिए मचल रही थी और मेरे हाथों में तो उन चूचीयों को ज़ोर-जोर से मसलने के लिए खुजली हो रही थी, लेकिन में मजबूर था। तब चाची ने मुझसे कहा कि प्रकाश प्लीज मेरी साड़ी देना, वहाँ वो गुलाबी साड़ी पड़ी है वही देना। तब मैंने साड़ी उठाकर चाची को दी। अब इस दौरान में तैयार हो चुका था। अब चाची अपनी साड़ी बाँध रही थी। अब वो अपनी साड़ी को अपनी नाभि के काफ़ी नीचे बाँध रही थी, जिससे उसकी नाभि और उसकी गहराई साफ दिख रही थी। “Blouse Me Jhankti Hui Chuchiya”

अब उसका गोरा चिकना पेट देखकर में तो सोचने लगा था कि काश हम घूमने ना जाते और यहीं पर एक चुदाई का प्रोग्राम स्टार्ट हो जाता तो क्या खूब होता? तो तभी चाची ने मुझसे कहा कि प्रकाश जरा ये साड़ी का पल्लू तो पकड़ना। तब मैंने तुरंत चाची का पल्लू पकड़ लिया और अब वो आँचल ठीक करने लगी थी। अब में सिर्फ़ चाची की चूचीयों को देख रहा था।

तब चाची ने कहा कि क्या देख रहे हो? तो तब मैंने कहा कि कुछ भी तो नहीं। फिर चाची तैयार हो गयी और फिर हम दोनों घूमने के लिए निकल पड़े। फिर हम दोनों ऑटो में जाकर बैठे और उस ऑटो में और भी लोग थे। अब चाची बिल्कुल मेरे पास बैठी थी जिससे उसका पूरा शरीर मेरे शरीर से चिपका हुआ था। अब मुझे काफ़ी अच्छा लग रहा था।

अब बीच-बीच में जब ऑटो हिलता था तो वो पूरी तरह से मेरी बाहों में गिर जाती थी, जिससे उसकी चूचीयाँ कई बार मेरे हाथों से दब भी जाती थी। फिर उसके जिस्म के एहसास को महसूस करते हुए हम कब विक्टोरीया मेमोरियल पहुँच गये? हमें इस बात का पता ही नहीं चला था। फिर हम दोनों विक्टोरिया के गार्डन में घुस गये और एक जगह पेड़ के नीचे घास पर बैठ गये थे।

अब हमारे आमने सामने और भी कई कपल बैठे थे और एक दूसरे के साथ अश्लील हरकतें भी कर रहे थे। अब मुझे ऐसा लग रहा था जैसे उन लोगों की हरकतों को देखकर चाची भी गर्म हो रही है। तब मैंने पूछा कि चाची कोई टेन्शन है क्या? अगर ऐसी बात है तो कही और चले? तो तब चाची ने कहा कि नहीं यही ठीक है और फिर चाची ने कहा कि प्रकाश एक बात पूछूँ सही जवाब दोगे? तो तब मैंने कहा कि हाँ पूछो। तब उसने कहा कि सच बताओ तुम घर पर क्या देख रहे थे? तो तब मैंने भी हिम्मत करते हुए कहा कि सच कहूँ चाची तो में तुम्हें और तुम्हारी खूबसूरती को देख रहा था।

फिर तब चाची ने कहा कि और? तो तब मैंने कहा कि तुम्हारी ये चूचीयाँ जो मुझे बार-बार तुम्हारी तरफ देखने को मजबूर कर रही थी, लेकिन चाची एक बात बताओ जब में सो रहा था, तो तब तुम मेरे पास क्या कर रही थी? तो तब चाची रोने लगी और मुझसे लिपट गयी। तब मैंने कहा कि चाची क्या बात है? बताओ ना।

तब चाची रोते हुए मुझसे बोली कि प्रकाश जब से मैंने तुम्हें देखा है ना, जाने क्यों मुझे तुम अच्छे लगने लगे हो? प्रकाश में बहुत प्यासी हूँ, जब से मेरी शादी हुई है तुम्हारे चाचा ने सिर्फ़ मेरी चूचीयाँ दबाई है, वो सिर्फ मेरी चूत पर हाथ फैरते है, मेरी चूत में उंगली भी डालते है, लेकिन आज तक मेरी चूत कुँवारी है। तब मैंने चौंकते हुए कहा कि चाची यह क्या कह रही हो?

तब चाची ने कहा कि ये सच है प्रकाश, आज तक तुम्हारे चाचा ने अपना लंड मेरी चूत में नहीं डाला है, उनका लंड खड़ा तो होता है, लेकिन मेरी चूचीयों को दबाने और मेरी चूत को हाथ लगाने भर से ही झड़ जाता है, आज जब तुम सो रहे थे तो तब तुम्हारा लंड तनकर खड़ा था, तो तब में खुद को रोक नहीं पाई और तुम्हारे लंड को सहलाने लगी थी, लेकिन तुम जाग गये।

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मुझे माफ़ कर दो प्रकाश, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था, लेकिन में क्या करती प्रकाश? में एक औरत हूँ और प्यासी भी हूँ, तुम्हारे तने हुए लंड को देखकर में खुद को नहीं रोक सकी, प्रकाश क्या तुम मेरी प्यास बुझाओगे? प्रकाश देखो प्लीज ना मत करना, एक प्यासे की प्यास बुझाना पुण्य का काम होता है, प्रकाश ये घर की बात है और घर में ही रहेगी, में बाहर किसी से चुदवाना नहीं चाहती हूँ प्रकाश। “Blouse Me Jhankti Hui Chuchiya”

अब उसके मुँह से इतनी खुली बातें सुनकर और उसके जिस्म को अपने शरीर में पाकर मेरा लंड खड़ा हो गया था। फिर मैंने चाची को ज़ोर से अपनी बाहों में भर लिया और उसके होंठो को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा था और दूसरी तरफ अपने हाथों से उसके गुलाबी ब्लाउज के ऊपर से ही उसकी चूचीयों को मसलने लगा था। फिर जब में उसके होंठो को चूसकर उसका सारा रस पीकर उससे अलग हुआ तो तब उनकी आँखें लाल हो गयी थी।

अब वो इसी वक़्त मेरे लंड को अपनी चूत में लेना चाहती थी, लेकिन मैंने उसे समझाया और कहा कि घर चलते है और फिर हम दोनों वहाँ से घर के लिए चल पड़े। फिर घर पहुँचते ही हम दोनों एक दूसरे की बाहों में समा गये। अब में उसकी चूचीयों को अपने दोनों हाथों से ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा था। अब उसके मुँह से आहह, आअहह, उउऊहह, आओउूच की आवाज़ें आने लगी थी।

अब वो बिल्कुल अपने होश खो बैठी थी। फिर में उसके होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा। अब उसकी आँखें लाल होने लगी थी और उन आँखों में सेक्स झलकने लगा था। फिर मैंने तुरंत उसकी गुलाबी साड़ी को उसके शरीर से अलग कर दिया। अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी थी। अब उसकी तनी हुई चूचीयाँ मुझे ललचा रही थी।

तभी चाची एक गहरी अंगड़ाई लेकर बिस्तर पर लेट गयी, जिससे उसकी तनी हुई चूचीयाँ उसकी सांसो के साथ ऊपर नीचे होने लगी थी। तब मैंने तुरंत अपने कपड़े उतारे और उसके खुले नंगे पेट पर अपना मुँह रख दिया और उसके पेट और नाभि को जमकर चूमने लगा था।

फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी चूचीयों पर रखा तो तब वो ज़ोर-जोर से सिसकने लगी थी। फिर मैंने उसके ब्लाउज के हुक खोल दिए तो उसकी चूचीयाँ सफ़ेद रंग की ब्रा में खिल रही थी, उसकी चूचीयों का आधा से ज़्यादा हिस्सा ब्रा के बाहर था। अब में उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचीयों को चूमने लगा था। अब वो मदहोश होकर मेरे मुँह को अपनी चूचीयों पर रगड़ने लगी थी।

फिर मैंने उसकी चूचीयों का मज़ा लेते हुए ही उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उसे नीचे सरका दिया था। अब उसके गोरे मांसल बदन पर सफेद रंग के दो छोटे-छोटे कपड़े (ब्रा और पेंटी) काफ़ी खूबसूरत लग रहे थे। तब मैंने देखा कि उसकी चूत पानी से भीगी हुई है और उसमें से एक भीनी भीनी खुशबू आ रही है, पेंटी भीगे भी क्यों ना? वो तो आज सुबह से ही मुझसे चुदवाने के सपने देख रही थी।

फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर रख दिया। तब वो कांप उठी और आज पहली बार उसकी चूत पर कोई दूसरा हाथ पड़ा था। अब में उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को मसलने लगा था। अब में अपने एक हाथ से उसकी चूचीयों को तो अपने दूसरे हाथ से उसकी चूत को मसल रहा था और वो सिर्फ़ सिसकारियाँ भर रही थी आआहह, उउउहह, ममममममह, कककचह, आह। “Blouse Me Jhankti Hui Chuchiya”

फिर मैंने उसे उठाकर बैठा दिया और उसके पीछे जाकर बैठ गया और उसकी ब्रा के हुक खोल दिए थे। फिर मैंने उसकी बाहों के नीचे से अपना हाथ ले जाकर उसकी दोनों चूचीयों को ज़ोर से पकड़ा और दबाने लगा था। अब उसकी चूचीयाँ दबाने में मुझे भी काफ़ी मज़ा आ रहा था, उसकी चूचीयाँ कठोर और तनी हुई थी। फिर मैंने उसकी चूचीयों को दबाते हुए अपना एक हाथ उसकी नाभि को सहलाते हुए उसकी पेंटी के अंदर डाल दिया, ऊफफफफफफफ्फ तो तब मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरा हाथ किसी चिकनी जगह पर फिसल रहा है, उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और अब उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी।

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फिर में अपने एक हाथ से उसकी चूत को भी दबाने लगा और उससे कहा कि चाची काश तुम मेरी बीवी होती? तो में तुम्हें इतना चोदता कि अब तक तुम्हारी चूत की सारी नसों को ढीला कर चुका होता। तो तब चाची बोली कि प्रकाश प्लीज मुझे चाची मत बुलाओं, में अब पूरी तरह तुम्हारी हो चुकी हूँ, तुम्हारी बीवी बन गयी हूँ. आज मुझे ऐसी चुदाई चाहिए कि में जिंदगीभर याद रखूं, मुझे तुम अपनी बीवी समझकर जैसे चाहते हो वैसे चोदो, में तुम्हारे लंड की प्यासी हूँ प्रकाश, प्लीज आज मेरी चूत की प्यास अपने लंड के पानी से बुझा दो।

तब मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत को दबाते हुए अपनी 2 उंगलियाँ उसकी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा था। तब चाची बोली कि प्रकाश प्लीज अब तड़पाना बंद करो, मेरी चूत तुम्हारे लंड की प्यासी है, मेरी चूत में उंगलियाँ तो तुम्हारे चाचा भी डालते है, आज मुझे और मेरी चूत को तुम्हारे लंड की जरूरत है, प्लीज अपने लंड से मेरी चूत को आज फाड़ डालो। में लंड से अपनी चूत चुदवाने के लिए तड़प रही हूँ प्रकाश।

फिर मैंने उसकी पेंटी उतार दी और अब मेरा लंड जो तनकर खड़ा हो गया था और चाची की चूत को फाड़ डालना चाहता था। फिर मैंने अपने लंड को चाची की चूत के होंठो पर रखा और धीरे से दबाया। अब चाची की चूत पहले से ही 2 बार झड़ चुकी होने के कारण पूरी गीली थी, इसलिए मेरा आधा लंड सरसराता हुआ चाची की चूत में जा घुसा था। “Blouse Me Jhankti Hui Chuchiya”

तब चाची के मुँह से हल्की सी प्यारी सिसकारी निकली उउऊहह, आआआआह, मम्म्ममममममम, आआआ, ममम प्रकाश, प्लीज रूको नहीं, तुम जितनी ज़ोर से चाहो आज मेरी चूत को चोद दो, आज मुझे ऐसा लग रहा है जैसे आज मेरी सुहागरात है और तुम ही मेरे पति हो, आज से मेरी चूत तुम्हारी है प्रकाश, इसे बिल्कुल मत छोड़ो इसे चोदकर आज फाड़ दो. इसे आज इतना चोदो कि तुम्हारे अगली बार आने तक भी ये सिर्फ़ तुम्हारे ही यादों में रहे. और फिर मैंने अपने लंड को हल्का सा बाहर की तरफ खींचा और फिर एक ज़ोर सा झटका दिया, जिससे मेरा लंड चाची की कुँवारी चूत को फाड़ते हुए अंदर चला गया था।

फिर तब चाची के मुँह से एक चीख निकल गयी और उसकी चूत में से खून भी निकलने लगा था। तो तब चाची बोली कि प्रकाश तुम मेरे चिल्लाने की और दर्द की चिंता मत करना। बस आज तो मुझे ऐसा चोदो कि में तुम्हारी गुलाम हो जाऊं, मेरी चूत की हर नश फट जाए, प्लीज मुझे ऐसा चोदो की मेरी चूत फटकर भोसड़ा बन जाए। तब मैंने काफ़ी ज़ोर-ज़ोर से झटके लगाने शुरू किए।

तब चाची चिल्लाती रही, अब उसके मुँह से दर्द और कामुकता की मिली जुली आवाज निकल रही थी आआह, ऊऊऊऊह, मममम, आआआआआहआ, उउह। फिर मैंने अपने झटके तेज़ी से जारी रखे और चाची की जमकर चुदाई करता रहा। फिर में लगातार ज़ोर-ज़ोर से चुदाई करता रहा, जिससे चाची झड़ गयी थी और अब मेरा लंड भी उसकी चूत के रस से भीग गया था।

फिर मैंने चाची को पीछे घुमाया और चाची के चूतड़ को थोड़ा सा ऊपर उठाकर चाची को डॉगी स्टाइल में बैठा दिया, जिससे उसकी चूत फूलकर मेरे लंड के सामने आ गयी थी और अब में अपना लंड उसकी चूत में रखकर ज़ोर-ज़ोर से उसे चोदने लगा था। अब में उसकी चूत को चोद रहा था और अपना हाथ उसकी कमर पर लाते हुए उसकी चूचीयों को काफ़ी ज़ोर-जोर से मसल रहा था, जिससे उसकी गोरी-गोरी चूचीयाँ लाल हो गयी थी। “Blouse Me Jhankti Hui Chuchiya”

फिर उस पोज़िशन में मैंने उसे लगभग आधे घंटे तक चोदा और जब मुझे लगा कि अब में झड़ने वाला हूँ। तब मैंने उसे फिर से सीधा लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को फैला दिया और उसकी चूत में अपना लंड डालकर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा था। अब चाची भी बिल्कुल मस्त होकर मुझसे चुदवा रही थी। फिर हम दोनों एक साथ झड़े और एक दूसरे की बाहों में समाकर सो गये थे।

फिर लगभग आधे घंटे के बाद मैंने देखा कि चाची उठकर बाथरूम की तरफ जा रही है, लेकिन उससे ठीक से चला भी नहीं जा रहा है। तब मैंने उठकर उसे अपनी बाहों में उठा लिया और बाथरूम में ले गया था। अब वो मेरे सामने ही बैठकर पेशाब करने लगी थी। फिर में उसे गोद में उठाकर फिर से बिस्तर तक ले आया और उसकी चूचीयों और चूत को सहलाने लगा था। अब चाची फिर से गर्म हो चुकी थी।

अब में भी आज जी भरकर उसे चोदना चाह रहा था, क्योंकि चाची अब तक कुँवारी थी। फिर मैंने उसकी चूत की सील तोड़ी, चूँकि में दूसरे दिन वापास आने वाला था इसलिए में कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता था। फिर मैंने उसको फिर से जमकर चोदा और रात के 10 बजे तक मैंने उसे 5 बार चोदा और उसे पूरी ख़ुशी दी और फिर मैंने भी पूरे मज़े ले-लेकर एक कुँवारी चाची की चूत की सील तोड़ दी। अब वो मुझसे चुदवाकर काफ़ी खुश थी। अब चाचा के आने का वक़्त हो गया था, तब हम दोनों बाथरूम में जाकर फ्रेश हुए और अपने-अपने कपड़े पहनकर टी.वी देखने लगे थे।

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फिर दूसरे दिन चाची सुबह उठकर नहा धोकर बिल्कुल सज संवरकर मुझे जगाने चली आई। तब मैंने उसे देखा तो उससे एक किस माँगी तो तब उसने मुझसे मना कर दिया और कहा कि चाचा के जाने के बाद दे दूँगी। अब चाचा भी तैयार होकर ऑफिस जाने के लिए निकलने लगे थे। तब मैंने कहा कि चाचा में आज दोपहर को चला जाऊंगा। तब उन्होंने कहा कि ठीक है खाना खाकर आराम से चले जाना और फिर इतना कहकर चाचा निकल गये। “Blouse Me Jhankti Hui Chuchiya”

तब चाचा के जाते ही मैंने झपटकर चाची को अपनी बाहों में ले लिया और उसके सारे बदन पर किस करने लगा था और उसकी चूचीयों को फिर से दबाने लगा था और तुरंत उसे फिर से नंगा करके 2 बार और चोदा। फिर जब दोपहर को में वापस आने के लिए तैयार हुआ। तो तब चाची उदास हो गयी और बोली कि फिर कब आओगे?

तब मैंने कहा कि मेरी जान बहुत जल्दी आऊंगा और तुम्हारी पूरी सेवा करूँगा, तुम्हारी चूत चोदकर तो इतना मज़ा आया कि जाने का दिल ही नहीं करता है, लेकिन क्या करूँ? जाना तो पड़ेगा ही और फिर में एक जोरदार किस चाची के होंठो पर देकर वापस आ गया ।

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