(Chikni Chachi Aur Unki Do Bahano Ki Chudai- Part 11)
दोस्तो, मैं आपका साथी जीशान … इस कहानी का अंतिम भाग लेकर आपके सामने आ गया हूँ. इस चुदाई की कहानी में आपने ढेर सारी चुदाइयों का आनन्द लिया है … अब अंतिम भाग में जबरदस्त चुदाई का मंजर आपके सामने पेश करने जा रहा हूँ. Chikni chachi part 11 hindi sex story.
आपको मेरी ये सच्ची चुदाई की कहानी पसंद आई होगी, आप मुझे मेल और इंस्टाग्राम पर जरूर बता दीजिएगा.
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अभी तक आपने पढ़ा कि हम चारों ही फार्म हाउस पर ग्रुप सेक्स के लिए आ गए थे. पूल में मस्ती करने के बाद मैंने सबसे पहले रेशमा चाची को पेड़ से बाँध कर चोदा था. उनके बाद परवीन आंटी की चूत में एक असली और एक नकली लंड एक साथ पेल कर उनकी चूत का भोसड़ा बना दिया था. इसके बाद हम सभी फार्म हाउस के रूम के ऊपर की छत पर आगे की चुदाई का इंतजाम करने लगे थे.
अब आगे:
हम सब लोग छत पर ठंडी हवा और रात की चांदनी का आनन्द ले रहे थे. सब लोग एक दूसरे को ऊपर से मसल रहे थे. कभी मैं परवीन आंटी के मम्मों को मसलता, कभी चाची के मम्मों को चूसता, कभी हिना आंटी के मम्मों को पकड़ कर मसल देता. तीनों बहनें अप्सरा जैसी दिख रही थीं. मुझे ऐसा लग रहा था मानो मैं जन्नत में था. मेरे साथ रंभा उर्वशी मेनका जैसी तीन तीन अप्सराएं चुदने को खड़ी थीं. वैसे भी मुझे हमेशा से लड़कियों से ज्यादा आंटियों से ही प्यार रहा था.
अभी छत पर हिना आंटी चुदास से तड़प रही थीं. क्योंकि अभी तक उनको लंड नहीं मिला था. मैं भी समय लेने लगा, क्योंकि दूसरा राउंड ज़्यादा समय तक टिकना चाहता था. मैंने एक और गोली ले ली.
गोली लेने के तुरंत हिना आंटी के ऊपर आ गया. उनको प्यार भरे चुम्मा देने लगा. आंटी मुझे ऐसे चूम रही थीं, जैसे वो मुझे बहुत प्यार करती हैं. वो मेरे बाल सहलाने लगीं. मेरे मुँह में अन्दर तक जीभ डाल कर मुँह में पूरा घुमाने लगीं. मैं उनके मम्मों को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. एक हाथ से उनकी चूत में उंगली करने लगा.
हिना- आआह … डाल दे मादरचोद … बहुत तड़पाया है तूने … प्लीज अब मत तड़पा. जितना करना है कर ले, जो करना है कर ले. बस पहले अन्दर डाल दे … मेरे अन्दर आग लगी है.
मैं नीचे आ गया और उसकी चुत चाटने लगा. हिना आंटी की तो हालत खराब हो गयी थी.
हिना- आआहह … ऊऊऊम्म्.
उनकी सिसकारियों में बड़ा दम था, वो एकदम ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगीं. मैं उनकी चूत को अन्दर तक चाटने लगा.
इसी के साथ मैंने रेशमा चाची को बगल में बुला लिया और उनकी चुत में उंगली डालने लगा.
हिना- प्लीज लंड अन्दर डाल दे ज़ीशान. तुझे जो चाहिए, वो दे दूँगी. चुदाई के वक़्त ऐसे तड़पाया मत कर. Chikni chachi part 11 hindi sex stories.
मैं चुत के ऊपर लंड को रगड़ने लगा.
मैं- मुझे आलिया चाहिए.
हिना- वो सब बाद में देखेंगे, अभी लंड अन्दर डाल दे.
मैं- अभी बोलो, हेल्प करोगी.
हिना- उसकी अभी शादी भी नहीं हुई है.
मैं- इसीलिए तो पूछ रहा हूँ. मैंने अभी तक किसी की सील नहीं तोड़ी है.
हिना आंटी गुस्सा हो गईं और वो अपने आप मेरे लंड पर बैठ गईं. मेरा पूरा लंड चुत में चला गया.
मैं- आआआह…
हिना- साला नखरे कर रहा है तब से. आलिया का बाद में देख लेना, पहली उसकी माँ को तो चोद ले भोसड़ी के!
हिना आंटी लंड के ऊपर नीचे बैठने लगीं. तीनों के तीनों सांडनियों जैसी थीं. अच्छे मोटी ताजी चुदक्कड़ औरतें थीं. इधर मैं केवल 50 किलो का था. आंटी के साथ बाकी की दोनों भी मेरे ऊपर आने लगीं.
चाची मेरे मुँह के ऊपर बैठ गईं और चुत को मेरे मुँह में रख दिया. परवीन आंटी मेरा बदन चूमने लगीं और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चुत में लगा दिया. मैं तीनों चुत को एक बार खुश करने लगा. लेकिन इन तीनों के बीच मुझे सांस लेना भी मुश्किल हो गया था. मैं ऊपर उठ नहीं पा रहा था.
तभी इतने में हिना आंटी झड़ गयी थीं, उन्होंने एक ज़ोर से चीख मार दी- आहह. … उउहह. … मैं गई.
वो झड़ने के बाद भी मेरे ऊपर से उठ नहीं रही थीं. मुझे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैं पूरी ताकत इकट्ठा करके जोर से ऊपर उठ गया. सब लोग नीचे गिर गए. मेरे लंड को भी थोड़ा चोट लग गई.
मुझे गुस्सा आ रहा था, मैंने सबके चूतड़ों पर चाबुक मार मार के लाल कर दिए. मैं अभी तक झड़ा नहीं था. मुझे दवाई का असर होने लगा था. इस दवाई का असर काफी लंबा समय तक रहता था.
मैंने चाची को खींच लिया और उन्हें घोड़ी बना लिया. मैं पीछे से उनकी गांड के छेद में लंड डालने की कोशिश करने लगा.
चाची- गांड क्यों, मैं तो आगे भी तैयार हूं … चुत में डाल दे. Chikni chachi part 11 sex story.
मैं गांड को ही मारने वाला था. उनकी गांड पर मैंने एक जोर का झटका मारा, मेरा आधा लंड अन्दर चला गया. चाची दर्द से तड़पने लगीं. वो मुझसे दूर जाने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन जा नहीं पाईं. मैं फिर से ज़ोर का एक और झटका लगा दिया. अब मेरा पूरा लंड उनके छेद में चला गया था.
चाची- आआई…मर गई … एक बार गांड मरवाक़े चल नहीं पा रही थी मैं … अब अल्लाह जाने क्या होगा. तेरा इतना बड़ा मूसल जो है … आह गांड परपरा रही है कमीने …
मैं- अब कुछ नहीं होगा. दर्द सिर्फ पहली बार होता है.
चाची- मेरी चुत का क्या करोगे … आआआह.
मैंने डिल्डो एक हाथ में लिया और उनकी चुत में डाल कर ज़ोर से झटका मार दिया.
अब मेरा लंड गांड में और चुत में डिल्डो घुसा था. चाची की तो समझो जान चली गई थी.
चाची- आहह … मादरचोद अब मेरी गांड का भी भोसड़ा बनाएगा … आआआह…
मैं एक हाथ से डिल्डो को अन्दर डाल नहीं पा रहा था … तो मैंने हिना आंटी को इशारे किया. वो चाची के नीचे आ गईं और चाची की चुत सहलाने लगीं. उन्होंने डिल्डो चाची की चूत में पेला और उसको अन्दर बाहर करने लगीं.
नीचे हिना आंटी, ऊपर चाची घोड़ी बनी हुई थीं और चाची के ऊपर मैं चढ़ा था. परवीन आंटी ये सब देख रही थीं और मज़े ले रही थीं.
मैं ज़ोर ज़ोर से चाची की गांड मार रहा था और नीचे से हिना आंटी डिल्डो को चाची की चूत में अन्दर तक डालने में लगी थीं.
ये डिल्डो तो मेरे लंड से भी बड़ा था.
चाची- दोनों मुझे मार दोगे … छोड़ दो मुझे … दीदी निकाल दो उसको.
मैं- चुत को भी शांत करना है ना.
मैं और ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था. चाची की चुत पानी छोड़ने लगा. लेकिन मैं अभी झड़ा नहीं था. चाची एकदम थक गई थीं. ठीक से बात भी नहीं कर पा रही थीं.
चाची- अब मुझसे नहीं होगा जीशु … नहीं होगा … अब उतर जा.
इतने में परवीन आंटी घोड़ी बनकर मुझे आने के इशारे करने लगीं- आ जा मेरे राजा … मेरी गांड तेरे लिए इन्तजार कर रही है.
मैं तुरंत चाची के गांड से लंड निकाला और आंटी की गांड के ऊपर चढ़ गया- मुझे खुश करने वाली गांड सिर्फ तुम्हारी है आंटी.
हिना- तो हम क्या तुझे खुश नहीं करते. Chikni chachi part 11 sex stories.
चाची- अगर मैं नहीं होती, तो दीदी तुझे कहां से मिलती.
मैं- अब थोड़ा हमारी चुदाई भी देख लो, पता चलेगा कि क्यों आंटी मुझे ज़्यादा खुश करती हैं. रेडी हो ना आंटी.
परवीन- हाँ बेटा.
मैं तुरंत लंड को उनकी गांड पर रगड़ा और आंटी गांड को फाड़ कर अपने हाथों से पकड़ ली. अगले शॉट में मैंने सीधे लंड को गांड के अन्दर डाल दिया. मेरा पूरा लंड एकदम से उनकी गांड में घुस गया. गांड की दीवारें फाड़ते फाड़ते अन्दर चला गया.
परवीन आंटी के मुँह से प्यारी चीख निकली- आआह …
उस चीख से मेरा पूरा बदन खिल उठा.
परवीन- आआआह … तू आराम से कर लेना बेटा, आज मैं तेरी हूँ.
मैं- तुम हमेशा मेरी रहोगी, मैं जब चाहूँ तब तक.
परवीन- हाँ बाबा.
मैंने फिर ज़ोर से एक धक्का दिया, लंड अन्दर तक चला गया. मैं जोरदार धक्के दे रहा था और आंटी चीख रही थीं. उनकी चीख में थोड़ा दर्द थोड़ा प्यार था, वो मनमोहक था. हम दोनों की चुदाई देख कर वहां चाची और हिना आंटी मज़े ले रही थीं.
वो दोनों एक दूसरे को चूम रही थीं. कोई 15 मिनट जोरदार चुदाई के बाद मैं झड़ गया था और थक गया था.
हम चारों लोग वहीं सो गए … कब नींद लग गयी, पता ही नहीं चला. हम सब छत पर नंगे ही लिपट कर सो गए थे.
अभी भी हिना आंटी की वासना पूरी नहीं हुई थी. क्योंकि परवीन आंटी और चाची को दो बार हो गया था लेकिन हिना आंटी का सिर्फ एक बार हुआ था. रात में वो मेरा लंड चूस रही थीं.
मैं अब कुछ भी करने के मूड में नहीं था. मैंने उनको सो जाने के लिए बोला. सुबह निकलने से पहले मैंने उन्हें चोदने का आश्वासन दिया … तो वो सो गईं.
सुबह 11 बज गए थे. तब मेरी आँखें खुली. परवीन आंटी उठ गई थीं और ब्रा और पैंटी पहन रही थीं. चाची भी उठ गई थीं, लेकिन उन्होंने अभी कपड़े नहीं पहने थे.
मैं- चलो सब मिलकर एक साथ नहाते हैं.
बाथरूम में तीनों नंगी औरतों के बीच मैं एक नन्हा सा चोदू बचा था … उधर शावर नहीं था, तो हम बाल्टी मग्गे से नहाने लगे. हम सभी एक दूसरे को साबुन लगा रहे थे.
मैं मम्मों का दीवाना था, कभी परवीन आंटी के, कभी चाची के, कभी हिना आंटी के मम्मों को मसल रहा था. मुझे मज़ा आ रहा था. इतने में हिना आंटी मेरे पास आ गईं और लंड को हाथ में पकड़ने लगीं.
हिना- ये लंड हम तीन बहनों का सहारा हो गया और तू हमारा सहारा हो गया है.
मैं- मैं हमेशा तीनों के लिए हाजिर रहूंगा. Chikni chachi part 11 antarvasna story.
चाची- दस दिन में तो तू बैंगलोर चला जाएगा. हमारी भूख कौन मिटाएगा. तू तो उधर बैंगलोर में उधर वाली आंटियों को चोदता रहेगा.
मैं- हफ्ते में एक बार आ जाउंगा ना. बैंगलोर तो सिर्फ 100 किलोमीटर ही दूर है.
हिना- तूने मुझे कल दूसरी बार नहीं चोदा. अब प्लीज एक लास्ट टाइम चोद दे.
मैं अपनी बात निभा रहा था. हिना आंटी को दीवार के बल खड़ा किया और एक पैर हाथ में पकड़ लिया. मैं एक हाथ से लंड को उनके चुत में रगड़ रहा था.
हिना- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मैंने ज़ोर से लंड अन्दर डाल दिया.
आंटी ने एकदम से आंखें बंद कर लीं और ज़ोर से सांस लेने लगीं. मैं जोरदार धक्के मारने लगा. हिना आंटी के सिसकारियों से बाथरूम गूँजने लगा. अब हिना आंटी के सिसकारियों में फर्क था. वो भी अब परवीन आंटी की तरह मज़ेदार सिस्कारियां देने लगी थीं. कोई 15 मिनट जोरदार चुदाई चली.
जब मैं झड़ने वाला था, मैंने हिना आंटी को एकदम से ऊपर उठा लिया. अब हिना आंटी के दोनों पैर मेरे हाथों में थे और उनको दीवार के बल टिकाया हुआ था. इसके बाद मैं स्पीड बढ़ाने लगा.
हिना- आआआह … आआ … वाओ … कितना मस्त चोदते हो यार … मजा गया.
ये सबसे मजेदार सेक्स था.
उनका होने के दो मिनट बाद मेरा भी हो गया. हम चारों ने नहा धोकर कपड़े पहन लिए और नाश्ता करके वहां से निकलने लगे. किसी को जाने का मन नहीं था, लेकिन मजबूरी में हमें जाना पड़ा. अब मैं रात को इनके बिना कैसे सोऊं. उन सभी का हाल भी यही था.
मैं सबको उन उनके घर छोड़ कर आया. सबने मुझे प्यार से चुम्मा दिए. मैं उदास चेहरे से साथ वहां से निकल गया.
जब ये कहानी घटी थी, तब से अब तक भी हम जब भी मिलते हैं, खूब चुदाई करते हैं. परवीन आंटी और हिना आंटी से कम मिलता हूँ, लेकिन चाची से तो महीने में 2 बार मिल ही लेता हूं.
मैं उदास होकर बैंगलोर के लिए निकला, लेकिन वहां और मज़ेदार चीज़ मिलने लगी.
मेरे 4 साल का इंजीनियरिंग का समय रंगीन आंटियों और लड़कियों के बीच चला.
चाची के परिवार में आशना को कैसे अपनी बनाया और कैसे आलिया की सील तोड़ी, मैं ये सब भी बताना चाहता हूँ.
आपके इमले मुझे ये सब लिखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.
ये कहानी निजी कहानी है. ये कहानी में सौ फीसदी सच्ची चुदाई की कहानी है. बस इसमें पाठकों को उत्तेजित करने के लिए कुछ मसाला डाला है. Chikni chachi part 11 antarvasna stories.
अगर मैंने किसी का दिल दुखाया हो, तो माफी चाहता हूं.
अगर मेरी चुदाई की कहानी को आपका सपोर्ट मिलेगा, तो मैं दूसरी कहानियां भी लिखूंगा.
आप अपने कमेंट्स बताना मत भूलिए. सब इंस्टाग्राम में फॉलो कर लेना दोस्तो!
धन्यवाद
आपका हॉट जीशान
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