दिवाली में चुदाई प्यासी मौसी की गरम चूत

दिवाली में चुदाई प्यासी मौसी की गरम चूत

Nai Diwali Ki Chudai, Rishto Me Sex, मेरा नाम माधव है और मेरी उम्र 24 साल है. ये बात 2 साल पहले की है, जब मेरी सबसे छोटी मौसी रंजना जिनके पति यानी मेरे मौसा जी की मौत हो गयी थी. अब वो दीवाली मनाने हमारे घर आई हुई थी, उस वक़्त मेरी उम्र 22 साल थी और मौसी की उम्र करीब 30 साल थी. मेरी सुबह देर से सोकर उठने की आदत है. दिवाली में चुदाई प्यासी मौसी की गरम चूत.

में रोज सुबह 10 बजे सोकर उठता हूँ, इसलिए मुझे मालूम नहीं हुआ कि सुबह 6 बजे मौसी घर आ चुकी थी. में घर के बीच वाले कमरे में सोता था, जो बहुत बड़ा है, मेरे घर के सब लोग वहीं आकर बैठते और बातें करते थे. अब में उसी कमरे में पलंग पर सो रहा था, अब सुबह के 9 बज चुके थे. अब मौसी मेरे पलंग पर बैठी थी और माँ नीचे ज़मीन पर बैठी थी, अब वो दोनों आपस में बातें करने में व्यस्त थी, तभी अचानक से मेरी नींद खुल गयी.

फिर मैंने देखा कि मौसी मेरी तरफ पीठ करके बैठी है और माँ से बात कर रही है, तो में चुपचाप पड़ा रहा जैसे में अभी भी गहरी नींद में सो रहा हूँ. अब मौसी की पीठ एकदम मेरे मुँह के पास थी, अब में कंबल ओढ़े था. मौसी विधवा थी और कम उम्र, उस पर उनका भरा हुआ बदन.

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में पहले भी कई बार उनके बारे में कल्पना कर चुका था और आज वो मेरे इतने करीब बैठी थी कि मैंने अपना एक हाथ पहले उनके बैक से टच किया. अब उन्हें टच करते ही मेरे बदन में करंट सा फैल गया और मेरी धड़कन बढ़ गयी थी. फिर मैंने थोड़ी हिम्मत की और अपना एक हाथ मौसी की पीठ पर फैरने लगा.

अब मौसी को शायद थोड़ा कुछ समझ में आ गया था, लेकिन वो फिर भी माँ से बात करती रही. फिर मैंने अपना एक हाथ उनके धीरे-धीरे आगे बढ़ाया और अब मेरा हाथ उनकी जांघो पर आ गया था. अब मौसी समझ गयी थी कि में जाग रहा हूँ, लेकिन शायद अब वो भी गर्म हो चुकी थी, इसलिए उन्होंने कुछ नहीं बोला था.

फिर मैंने महसूस किया कि उनका बदन भी तप रहा था. अब उन्होंने कुछ नहीं बोला तो इसलिए मेरी हिम्मत और बढ़ गयी थी. फिर मैंने अपना हाथ उनके बूब्स की तरफ बढ़ा दिया, लेकिन अब मौसी झटके से उठ खड़ी हुई. अब में उनकी इस हरकत से घबरा गया था, अब मेरी माँ सामने थी, लेकिन वो कुछ समझ नहीं पाई थी.

फिर कुछ देर तक में ऐसे ही नींद का बहाना करके पड़ा रहा. फिर कुछ देर के बाद मैंने सोचा कि शायद माँ सामने थी इसलिए मेरी हरकत उसे दिख जाती, इसलिए मौसी वहाँ से हट गयी थी. फिर कुछ देर के बाद में उठा और बोला कि अरे मौसी जी आप कब आई? और फिर मैंने उनके पैर छुए और सीधा बाथरूम में चला गया. आज मेरा किसी काम में मन नहीं लग रहा था, अब में मौसी से नज़र भी नहीं मिला रहा था.

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अब मेरे मन में सवाल आ रहे थे कि पता नहीं मौसी क्या सोचेगी? कहीं वो माँ से ना बोल दे? अब मेरा दिल भी बहुत घबरा रहा था. फिर में दिनभर मौसी के सामने नहीं गया, फिर में रात में दीवाली की पूजा करने के बाद मैं अपने दोस्तों के साथ घुमने चला गया. देर रात में जब मैं घर आया तो मैंने देखा कि मेरे कमरे में सब खाना खा रहे है. और मेरे पलंग के पास ज़मीन पर दो बिस्तर और लगे हुए थे. अब में समझ गया था कि शायद यहाँ माँ और मौसी सोएगी.

फिर खाना खाने के बाद में मैं छत पर गर्लफ्रेंड से बात करने निकल गया, और फिर में रात को करीब 11 बज़े निचे आया तो माँ ने दरवाजा खोला. फिर में अंदर आ गया तो मैंने अंदर देखा कि मौसी मेरे पलंग के पास ही सो रही है. फिर थोड़ी देर के बाद माँ भी दरवाजा बंद करके मौसी के बगल में आकर सो गयी.

अब मेरी आँखों में नींद नहीं थी, अब मुझे करवटे बदलते-बदलते रात के 1 बज़ने वाले थे. अब मेरे दिमाग में सुबह की घटना घूम रही थी, अब यह सब सोच-सोचकर मेरे दिल की धड़कन बहुत बढ़ गयी थी और अब में अपने आप पर काबू नहीं कर पा रहा था.

अब नीचे ज़मीन पर मौसी गहरी नींद में सो रही थी. अब कमरे में नाईट बल्ब जल रहा था और माँ भी सो चुकी थी. फिर मैंने अपने धड़कते दिल से अपना हाथ पलंग के नीचे लटका दिया, अब मौसी बिल्कुल मेरे पलंग के पास सो रही थी. फिर मैंने धीरे से अपना एक हाथ उनके पैर पर टच किया और कुछ देर तक अपना हाथ उनके पैरो पर रखे रखा.

फिर मौसी की तरफ से कुछ हरकत नहीं देखकर में अपना हाथ धीरे-धीरे ऊपर की तरफ सरकाने लगा. अब मेरा हाथ मौसी की जांघो पर था, फिर में कुछ देर तक रुका और उनकी जांघो पर अपना हाथ रखे रखा. अब मैंने मौसी के बदन में गर्मी महसूस की थी.

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अब में समझ गया था कि मौसी गर्म हो गयी है, अब शायद कोई खतरा नहीं है. फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी जांघो पर से सरकाते हुए उनकी चूत के पास ले गया और थोड़ा रुकते-रुकते उनकी चूत पर अपना हाथ फैरने लगा. मौसी का मुँह दूसरी तरफ़ था, फिर आचनक से उन्होंने करवट बदली और मेरी तरफ़ मुँह करके लेट गयी.

अब उनकी इस हरकत से में पहले तो घबरा गया था, तो मैंने तुरंत अपना हाथ ऊपर खींच लिया. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने फिर से अपना हाथ नीचे लटकाकर उनके पेट पर रख दिया. अब मौसी का बदन बहुत तप रहा था, फिर में अपना हाथ सरकाकर उनके बूब्स पर ले गया और धीरे-धीरे उनके बड़े-बड़े बूब्स को सहलाने लगा. “दिवाली में चुदाई प्यासी”

फिर मैंने आचनक से मेरे हाथ के ऊपर मौसी का हाथ महसूस किया, अब उन्होंने मेरा हाथ जो उनके बूब्स पर रखा हुआ था जोर से दबा दिया था. अब में समझ गया था कि लाईन साफ़ है तो में जोर-जोर से उनके बूब्स दबाने लगा, लेकिन में पलंग पर था और मौसी नीचे थी.

इसलिए मुझे परेशानी हो रही थी और बगल में माँ भी सो रही थी, इसलिए मुझे डर भी लग रहा था. अब मौसी के मुँह से सिसकियाँ निकल रही थी, अब वो बहुत गर्म हो गयी थी. फिर मैंने मौसी के कान में कहा कि में बाहर आँगन में जा रहा हूँ, आप भी धीरे से बाहर आ जाओ.

फिर में उठा और धीरे से दरवाजा खोलकर बाहर आ गया, हमारा आँगन चारों तरफ से दिवार से घिरा है और वहाँ अँधेरा भी था. फिर थोड़ी देर के बाद मौसी भी बाहर आ गयी, अब में आँगन के एक कोने में उनका इंतज़ार कर रहा था.

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फिर वो आते ही मुझसे लिपट गयी, अब उनकी साँसे जोर-जोर से चल रही थी. फिर मौसी ने एकदम से अपना एक हाथ मेरी हाफ पेंट में डालकर मेरा 7 इंच लंबा लंड अपने हाथ में ले लिया और मेरा चौड़ा सीना चूमते हुए मेरा लंड अपनी चूत से रगड़ने लगी. अब में भी बेकाबू हो गया था तो मैंने भी मौसी के बड़े-बड़े बूब्स को उनके ब्लाउज में से बाहर निकाल लिया और खूब जोर- जोर से दबाने लगा और फिर उनके बूब्स की चूचीयों को अपने मुँह में लेकर खूब चूसा.

फिर थोड़ी देर तक ऐसे ही चूसने के बाद मैंने मौसी को जमीन पर लेटा दिया. अब मौसी की सिसकियाँ बढ़ती जा रही थी और फिर वो बोली कि माधव जल्दी करो नहीं तो मेरी जान निकल जाएगी, तो फिर मैंने भी उनकी साड़ी ऊपर कर दी.

अब मौसी की गोरी-गोरी, भरी पूरी जांघो को देखकर में पागल हो गया और उनकी चिकनी चूत देखकर में पागलों की तरह उनकी चूत को चाटने लगा था. अब मौसी की हालत खराब हो गयी थी, अब वो मुझे जोर-जोर से अपनी और खींचने लगी थी और बोली कि जल्दी डाल दो माधव. फिर मैंने भी अपनी पेंट उतार कर फेंकी और अपना सुपाड़ा जैसे ही मौसी की चूत के अंदर किया तो मौसी के मुँह से सिसकारी निकल गयी. “दिवाली में चुदाई प्यासी”

अब वो पागलों की तरह कुछ बडबडा रही थी आहह आह हम्मम्मम हाँ और और हाँ माधवम्मममम और ज़ोर से करो हाँ. अब में भी अपनी पूरी रफ़्तार से मौसी की चूत में धक्के मार रहा था. अब मौसी मुझे इतनी जोर से पकड़े हुए थी कि मेरी बाहें दर्द करने लगी थी, अब हम दोनों अपनी चरम सीमा पर पहुँचने वाले थे.

अब में जोर-जोर से धक्के मार रहा था और मौसी भी अपनी गांड बार-बार ऊपर उछालकर मेरा साथ दे रही थी. अब मेरी रफ़्तार तेज होती जा रही थी और फिर मैंने अपना पूरा जोर लगाकर अपना पूरा पानी उनकी चूत में ही छोड़ दिया. इसी प्रकार मौसी ने भी अपनी गांड उछालकर अपना पूरा पानी निकाल दिया.

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अब में उनके ऊपर थककर गिर गया था और अब वो भी शांत थी. अब उनके चेहरे की चमक में साफ दिख रहा था कि मौसी बहुत खुश और संतुष्ट नज़र आ रही थी. फिर में उनके ऊपर कुछ देर तक ऐसे ही लेटा रहा, अब मौसी प्यार से मेरे बालों को सहलाती रही थी.

फिर कुछ देर के बाद हम लोग उठे और अपने कपड़े ठीक करके बाहर आ गये और वैसे ही अंदर जाकर सो गये. अब घर में किसी को कुछ मालूम नहीं चला कि रात में क्या हुआ था? फिर मौसी 1 महीने तक हमारे घर पर ही रही और जब भी हमें कोई मौका मिलता, तो हम खूब आनंद लेते है, मैंने उस एक महीने में मौसी को 22 बार चोदा था.

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