किरायेदार दीदी ने अपना चूत चटाया

Lund Ki Garmi Shant

मेरा नाम कमल है और मैं भुसावल का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 25 साल है और कद 5’11” है और रंग गोरा है मगर थोड़ा दुबला पतला सा हूँ. मैं अपनी किरायेदार दीदी की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूँ. Lund Ki Garmi Shant

आज मुझे बाजार में बड़े दिनों बाद मेरे पुराने किराएदार मिले. ये किराएदार मेरे घर पर 2 साल रहे थे 2018-20 तक. उनकी पत्नी से मिलते ही मुझे पुराने दिन याद आ गए कैसे मैंने इसकी चुदाई की थी. वो भी मुझे देख कर काफी खुश हुई. ज्यादा बात ना करते हुए मैं कहानी पर आता हूँ.

बात 2018 की है हमारा घर 3 मंजिल का बन चुका था. इसीलिए हमने अपने घर का थोड़ा सा हिस्सा किराय से देने की सोची थी और हमको 10 दिन के अंदर ही नया किराएदार मिल गया. उस किराएदार का नाम अजीत चौधरी था जो कि एक प्राइवेट कंपनी मे जॉब करता था, और उसकी पत्नी का नाम प्रकृति था जो कि एक हाउस-वाइफ थी.

उसकी पत्नी दिखने में काफी अच्छी थी. कद कुछ 5’7” या 5’8″ था और थोड़ी सी मोटी थी. चेहरा गोल था रंग गोरा और बाल काले थे और थोड़ी मोटी होने के कारण बूबस और कूल्हे भी काफी उभरे हुए थे. उसकी उम्र उस समय 26 थी.

मस्त हिंदी सेक्स स्टोरी : Mohalle Ke Gundey Ne Chodi Mom Ki Gaand

सबसे कमाल की बात थी कि उसका चेहरा एक दम साफ था और किसी भी तरह का निशान, दाग या मुहासे नहीं थे. और घर में वो साड़ी पहनती थी वो भी नाभि के नीचे. इसीलिए पूरी कमर साफ दिखाई देती थी.

मैं तब 2nd year मे था और इंजीनिरिंग कॉलेज का छात्र था. तो काफी जवानी का जोश था और मुझे किसी को चोदने की बहुत इच्छा थी. तब मैं प्रकृति को प्रकृति दीदी कह कर बुलाता था. मैं शाम को छत पर पढ़ाई करने के लिए आता था.

तो प्रकृति दीदी तब अपने सूखे हुए कपड़े उठाने छत पर आती थी और इसी बहाने मैं उनसे कुछ बातें कर लेता था. उनके पति जॉब से शाम को 7 बजे तक आते थे. तो इसी बीच कॉलेज से आकर मैं 1 घंटे उन्ही के साथ छत पर दुनिया भर की बकवास करता था.

मैं काफी मजाकिया स्वभाव का था, तो उनको भी बातें करने में काफी मजा आता था. हमारी काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी. धीरे धीरे मैं उनके कड़क जिसम की तरफ अकर्षित होने लगा. जब वो चलती थी तो उनके कुल्हे ऊपर नीचे होते थे और कमर देख कर तो मैं पागल हो जाता था.

मेरा तंबू वहीं खड़ा हो जाता था, मगर मैं उसको अपनी किताब से ढक लेता था. मैं बार बार उनकी कमर पर हाथ रखने की सोचता था, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाता था. मैं रोजाना उनके नाम की मुठ मारता था.

चुदाई की गरम देसी कहानी : चूत दिखाया फटी सलवार पहनकर गरम सोफ़िया ने मुझे

एक साल तक ऐसा ही चलता रहा. लेकिन अब कुछ बदलने वाला था. 2018 की गर्मियों की बात थी, मेरे कजन की शादी थी, लेकिन मेरे पेपर होने के कारण मै शादी में नहीं जा पाया. मगर मेरा पूरा परिवार चला गया.

घर पर सिर्फ़ मैं अकेला था और मेरे पेपर के लिए अभी 10 दिन की तेयारी चल रही थी. घर में मां नहीं थी तो मैं खाना प्रकृति दीदी के साथ खाता था. सुबह और रात को वो दे जाती थी और दोपहर में उनकी किचेन में बैठ कर खाता था.

जब वो किचेन मे खाना बनाती थीं, तो पसीने से लतपत हो जाती थी. और तब उनकी कमर, गर्दन और पीठ को देख कर बार बार मन करता था कि उनके जिसम को चाट लूँ. 2 दिन ऐसा ही चलता रहा. फिर उनके पति को किसी काम से तीन दिन के लिए दिल्ली जाना पड़ा.

अब घर में सिर्फ़ मैं और वो थी. मुझे लगा ये अच्छा मौका है मुझे 3 दिन के अंदर ही खेल करना होगा. अगले दिन मैं सुबह जल्दी उठ कर उनके पास खाने के लिए पहुंच गया. फिर मैंने उन से पूछा क्या मैं यहीं रुक जाओं.

तो उन्होंने हाँ बोल दिया. जब वो नहाने गई तो मैंने तुरंत उनकी ब्रा को सूंघना चालू कर दिया उसे अपने लंड से रगड़ा और वहीं पर मूठ मार लिया. फिर वो नहा कर बाहर निकलीं मैं उनको देख कर ही दंग रह गया.

वो केवल ब्लाउज और पेटीकोट मे थी. मेरे से सबर नहीं हो रहा था. वो दूसरे कमरे में गई और साड़ी बदल कर मेरे सामने आई. फिर हमने कुछ बातचीत की और फिर वो TV देखने लगी. मैं 2 घंटे के लिए पढ़ने चला गया.

मेरा पढ़ते समय भी मेरा ध्यान उनके कड़क जिस्म की तरफ था. पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं भी उनके साथ TV देखने लगा. मैं उन्ही के साथ बिस्तर पर चिपक कर बैठ गया. लेकिन वो मेरे से थोड़ी दूर खिसक कर बैठ गईं. वो समझ गईं कि मैं उनको टच करना चाहता हूं. फिर अचानक लाइट चली गई और गर्मी के कारण हम दोनों पसीने से लतपत हो गय. फिर मैं उनकी तरफ देखने लगा.

उन्होंने बोला, “क्या हुआ”.

मैंने कहा “गर्मी में इतनी बुरी हालत हो गई है आपकी देखो कितना पसीना आ रहा है आपको, लाओ मैं थोड़ी सी पंखे से हवा कर देता हूँ”.

उन्होने मुस्कुराते हुए कहा कि “कोई जरूरत नहीं है मैं खुद कर लूँगी”.

मस्तराम की गन्दी चुदाई की कहानी : Biwi Ki Suhagraat Manate Dekha Paraye Mard Ke Sath

फिर मैं ऊपर पढ़ने चला गया और रात हो गई. लाइट रात में भी नहीं आई. हमने अंधेरे में ही खाना खाया और नीचे गर्मी बहुत थी तो इस कारण हम दोनों छत पर सोने के लिए आ गए. लेकिन हम दोनों अलग अलग सो रहे थे.

मैं रात को 2 बजे तक जागता रहा लेकिन वो सो रहीं थीं. मैं उनके पास गया और उनकी कमर पर हाथ रख दिया, फिर पेट पर भी हाथ फेरने लगा. उसके बाद उनकी पीठ पर भी हाथ फेरा. मुझे बड़ा मजा आ रहा था और वो नींद में थी तो कोई दिक्कत भी नहीं थी.

फिर मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके अपने लंड को उनकी गांड से सटा दिया. मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैंने फिर उनकी साड़ी को ऊपर झांघों तक उठाया और उनके पैरों को भी चूमने लगा. फिर मैंने उनके बूबस को दबाया.

तभी उन्होंने करवट बदली. मैं डर गया और अपनी जगह पर चला गया. थोड़ी देर बाद में फिर आया इस बार तो मैंने उनको कस कर पकड़ा और साड़ी को काफी ऊपर तक उठा दिया और उनकी चूत को सूंघने लगा.

फिर मैं थोड़ी देर के लिए वहीं लेट गया और लेटे लेटे मुझे पता नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई, और मैं वहीं पर उनसे लिपट कर सो गया. सुबह जब उठा तो वो बहुत नाराज थीं. उन्होंने मुझे बहुत डांटा.

वो बोली “मैं तुम्हें छोटे भाई जैसा मानती थी और तुमने मेरे साथ क्या किया तुम मेरे बगल में ही सिमट कर सो गए. क्या तुम अपनी मम्मी के साथ भी ऐसा करते हो. मैं कल से ही तुम्हें देख रही हूँ. मैंने कुछ कहा नहीं चलो मकान मालिक का बेटा है ऊपर से मेरे छोटे भाई जैसा है और मेरा अच्छा दोस्त भी है” वो काफी नाराज थी.

मैंने सॉरी बोला, पर वो चुप नहीं हुईं और मेरे से बात करनी बंद कर दी. उन्होने मुझे दोपहर तक खाने के लिए भी नहीं बुलाया. मुझे लगा मैंने बहुत बड़ी गलती की है इसके लिए मैं उनसे शाम को माफी मांगने गया.

उन्होने मुझे देखते ही अपना मुंह फेर लिया. फिर मैं भी वहां से चला गया. लेकिन रात को उन्होने बुला लिया और मैं वहीं किचेन मैं बैठा था. वो वहीं पर पसीने में लतपत वहीं पर खाना बना रही थी.

थोड़ी देर बाद उन्होने मेरे तरफ मुस्कुराते हुए कहा “मुझे गर्मी लग रही है पंखा कर दो”. मैं भी खुशी से उन पर हवा करने लगा.

अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरीज : Devar Ka Underwear Mein Mota Lund Dekh Pagal Hui

अब मुझे लगा सब नॉर्मल हो गया है, फिर मैंने उनसे कल रात के लिए सॉरी बोला. उन्होने हंसते हुए कहा कि चलो जाने भी दो, हम तो दोस्त हैं और ऐसा नॉर्मल है मैं फालतू मे ही सुबह नाराज हो रही थी.

इतना सुनते ही मैं उनके गले लगा और दोनों हाथ कमर पर रख दिए. फिर उन्होने प्यार से चांटा मारा और हंसते हुए बोली “तू अभी भी नहीं सुधरेगा, नालायक!!”

फिर मैं बोला “नहीं सुधरूँगा” तो उन्होने बोला “चल तेरी सारी गर्मी निकालती हूँ”.

फिर मैं उनके कमरे में गया और उनकी आंखों में आंख डाल कर उनको देखा. उनके करीब आया और उनको अपनी बाहों में भर लिया और उनके गाल चूमने लगा. फिर उनके होठों को भी चूमा और हाए क्या बताऊँ उनकी साँस जैसे ही तेज हुई मुझे बहुत अच्छा लगा. “Lund Ki Garmi Shant”

मैंने जोर से किस किया और 5 मिनट तक चूमता ही रहा. फिर मैंने उनकी कमर पर तेल मलना चालू किया, वो भी मेरा साथ दे रहीं थीं. मैं उनकी नाभि को चूमने लगा और पेट पर कटा और फिर अपनी शर्ट उतार कर उनके ऊपर लेट गया.

फिर मैंने उनकी साड़ी उतार दी और उनसे जा चिपका. फिर मैंने उनका ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया. अब वो केवल ब्रा और पेंटी मे थीं. और उनकी ब्रा से उनके मोटे और कड़क बूबस बाहर आने को उतावले हो रहे थे.

मैंने फिर उनकी ब्रा भी उतार दी और उनके कसे हुए कड़क बूबस मेरे सामने थे. वो बहुत खूबसूरत थे और निप्पल पूरे भूरे रंग के थे. फिर मैं उनके बूबस को दम से मलने लगा और उनके निप्पल को नोचने लगा.

वो दर्द से चीख उठी अहा अहा वो सिस्कारइयां भरने लगीं. मैं उनके बूबस के साथ खेलता रहा और पूरी ताकत से उनको दबाया वो चिल्ला उठीं. फिर वो बोली के मेरा माल ले लिया मदरचोद तूने अपना माल मुझे कब देगा.

फिर उन्होने मेरी पैंट उतारी और मेरे अंडरवियर को जैसे ही खोला वो देखते ही दंग रह गईं. वो बोली “इतना मोटा इतना तो मेरे पति का भी नहीं है”. उन्होंने फिर मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया और सूपड़े को खूब थूक लगाकर चाटने लगीं. “Lund Ki Garmi Shant”

उन्होने मेरा लंड पूरा अपने मुँह में भर लिया और 5 मिनट तक चुस्ती रहीं. फिर मैं झड़ने वाला था इसीलिए मैंने अपना वीर्य उन्ही के मुंह में छोड़ दिया. फिर मैं थोड़ा सा थक गया था इसीलिए मैंने दीदी से 15 मिनट का रेस्ट मांगा, लेकिन वो नहीं मानी और मेरे बदन से लिपटी रहीं.

फिर थोड़ी देर बाद मैंने उनकी पेंटी को उतारा और उनकी चूत मे अपना मुंह घुसा दिया और उनकी चूत पर जोर से चांटा मारा. फिर उन्होने मेरी छाती पर लात मारी और बोली “मदरचोद दर्द हो रहा है”. फिर मैंने लंड चूत में डालना चाहा, वो बोलीं कि रुको अभी कंडोम लाती हूँ.

तभी उन्होंने अलमीरा से कंडोम का पैकेट निकाल कर मुझे दिया. मैंने वो कंडोम पहना फिर उनकी चूत पर अपना लंड रखा और एक ही झटके में अंदर डाल दिया. उन्होंने जोर से चीख निकाली और फिर मुझे एक अलग ही एहसास हुआ.

मुझे लगा कि मैं जन्नत में हूँ. मैं उनकी चूत मे लंड बहुत देर तक डाला रहा और अंदर बाहर करता रहा, वो औरत पागल हो गई थी जोर जोर से आहा!! आहा!!! उई माँ मर गई मैं.. मुझे बहुत मजा आ रहा था.

कामुकता हिंदी सेक्स स्टोरी : Bhai Ka Masturbate Karte Dekh Chudwa Liya Usse

मैंने उसे डॉगी स्टाइल में खूब चोदा और फिर मैं झड़ गया और बहुत थक भी गया था. इसीलिए मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया. फिर मैं उनकी गांड मारना चाहता था, लेकिन उन्होने कहा कल मार लियो अभी बहुत थक गईं हूँ.

मेरी भी हालत खराब थी. फिर हमने खाना खाया और एक साथ ही नंगे सो गए. अगले दिन मैं मेडिकल स्टोर से कंडोम और वगेरा की गोली भी ले आया, फिर हमने पूरे दिन भर चुडाई करी. अगले दिन उसका पति आ गया और मेरे घर वाले भी आने वाले थे. “Lund Ki Garmi Shant”

लेकिन फिर भी हमने आपस में बहुत चुदाई की. जब भी मौका मिलता था तो मैं प्रकृति की दम से मारता था. लेकिन फिर वो मार्च 2020 में हमारा घर छोड़ कर चली गई. मुझे आज भी उनको चोदने का मन करता है और आज जब मैं उनसे मिला तो अब वो काफी मोटी हो गई थीं और उनका चेहरा भी काफी बेकार सा दिखने लगा था.

फिर भी मैंने उनसे बात की उन्होने मुझे घर पर बुलाया और कहा “जब भी मुझ से मिलना हो तो आ जाया करो”. मैंने उनको किस किया और उनके बूबस को भी दबाया. वो बोली “दूर हट मदरचोद मेरा पति देख लेगा”. उसके बाद मैं उनको बाय करके वहां से निकल लिया. 

दोस्तों आपको ये Lund Ki Garmi Shant की कहानी मस्त लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और Whatsapp पर शेयर करे……….

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *