कामवाली बाई की चुदाई कहानी में पढ़ें कि मेरी बीवी दो दिन के लिए बाहर गयी मैं घर में अकेला था हमारी मेड ने गलती से मेरा लंड देख लिया. तो मैंने क्या किया मेरे प्यारे दोस्तो मेरा नाम हितेश है और मैं शादीशुदा हूं अगर आप सोच रहे हैं कि मैं अपनी बीवी की चुदाई की कहानी सुनाऊंगा तो आप ऐसा मत सोचें।
मैं अपनी पत्नी की चुदाई नहीं बल्कि अपनी कामवाली बाई की चुदाई की कहानी आपको बताने आया हूं मगर उससे पहले आप मेरे परिवार के बारे में जान लें मेरे परिवार में मैं और मेरी बीवी रचना ही रहते हैं मेरी बीवी भी जॉब करती है और मैं भी नौकरी पर हूं।
इसलिए घर में काम करने के लिए हमने कामवाली बाई रखी हुई है मेरी कामवाली का नाम शांता है और वो हमारे घर में काफी समय से काम कर रही है अब मैं आपको वो वाकया बताता हूं जिसके लिए मैंने ये कहानी लिखी है वो रविवार का दिन था मेरी बीवी को ऑफिस के काम के लिए मुम्बई से दिल्ली जाना था तो वो सुबह ही चली गयी थी।
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शांता 10 बजे काम पर आती थी मैंने उसे एक दिन पहले ही बताया था कि रचना कल नहीं रहेगी और उसे काम पर जल्दी आना पड़ेगा शांता के पति और बेटे की मृत्यु एक एक्सीडेंट में हो गयी थी इसलिए यहां पर शांता का हम दोनों के अलावा कोई नहीं था।
उस दिन मेरी मुझे छुट्टी थी इसलिए मैं आराम से सुबह 8:30 बजे उठा और मैं पेशाब करने के लिए गया घर में कोई नहीं था इसलिए मैंने दरवाजे की कुण्डी नहीं लगायी थी उतनी ही देर में शायद शांता आ गयी थी, मगर मुझे पता नहीं था आते ही वो टॉयलेट धोने के लिए अंदर आयी मैं नंगा था मेरा काला लण्ड जो खड़ा नहीं था और दो गुलाबजामुन जैसे टट्टे लटक रहे थे।
शांता मेरे लण्ड की तरफ देखती ही रह गयी शायद इतना बड़ा लण्ड कहीं देखा नहीं होगा उसने वो शर्मायी और फिर वहां से भाग गयी मुझे उसको डांटने का एक मौका मिल गया मैं जब पेशाब करके बाहर आया तो वो मुझसे नजर नहीं मिला पा रही थी।
मैंने उसे डांटते हुए कहा- बेवकूफ औरत दिमाग नहीं है क्या तुझमें घर में मैं अकेला हूं तो नॉक करके अंदर आना चाहिए ना वो बोली- माफ़ करना साहब कुंडी नहीं लगी थी तो मैंने सोचा कि कोई नहीं है अंदर मैं बोला- नहीं आज तूने हद कर दी तू ऐसा कर कि कल से काम पर मत आना।
हमें ऐसी गंवार नौकरानी की जरूरत नहीं है अगर मेरी जगह कोई मेहमान या रिश्तेदार होता तो क्या इज्जत रह जाती हमारी मेरी बात पर उसके होश सफेद हो गये और वो गिड़गिड़ाने लगी- नहीं साहब गलती हो गयी आईंदा कभी ऐसा नहीं होगा मुझे काम से मत निकालें।
मैं बनावटी गुस्सा दिखाता रहा और उसको काम से निकल जाने के लिए कहता रहा जब वो रोने लगी तो मैं बोला- ठीक है, अगर तुमने गलती की है तो सज़ा तो मिलेगी ही वो बोली- ठीक है जो सज़ा दोगे मैं तैयार हूं उससे मैंने कहा- अब आ गयी न लाइन पर अब सुन आज रचना नहीं है वो कल 2 बजे आने वाली है तब तक तुझे मेरे घर में ही रहना पड़ेगा मेरी बीवी की तरह।
ये सुनकर वो सोच में पड़ गयी और बोली- नहीं साहब ये कैसे हो सकता है मैंने कहा- अगर नहीं हो सकता तो फिर तुम किसी और घर में काम देख लो फिर वो दो मिनट तक सोचती रही और बोली- ठीक है आप जैसा कहेंगे मैं वैसा ही करूंगी मैंने कहा- ठीक है आज जब मर्ज़ी होगी तब मैं तुम्हें बीवी वाला प्यार दूंगा तुम समझ रही हो न मैं क्या कह रहा हूं।
वो बोली- हां समझ गयी हूं साहब मैंने उसको पकड़ कर अपने पास खींच लिया उसके होंठों पर उंगली घुमाई फिर उसकी आँखों में आंखें मिलाकर उसके होंठों को चूसने लगा धीरे धीरे शांता मेरे रंग में रंगने लगी उसने भी मेरे मुंह में जुबान डाल दी और मेरे होंठों को पीने लगी हमारी किस दस मिनट तक चलती रही।
मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो गया था शांता अब गर्म हो चुकी थी मैंने उसका पल्लू हटा दिया उसकी साड़ी पूरी उतार दी अब वो ब्लाउज और चड्डी में थी उसको शर्म आ रही थी तो मैंने उसे सहज किया फिर मैं उसकी गर्दन पर चूमने लगा वो भी गर्म होने लगी मैं उसके होंठों से गर्दन तक चूसते चूसते उसके मम्मों तक आ गया।
उसके मम्में बहुत ही उभरे हुए थे लगभग 40 के होंगे एकदम गोलमटोल चूचे थे मैं उन्हें ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने और चूसने लगा अब मैंने ब्लाउज का पहला बटन खोला फिर दूसरा बटन खोला। शांता की धड़कनें तेज हो गयीं उसके मम्में जोर जोर से ऊपर नीचे होने लगे फिर उसका तीसरा बटन फंस गया।
मुझसे रुका न जा रहा था और फिर हड़बड़ी में मैंने उसके ब्लाउज को फाड़ दिया उसके दोनों मम्में उछलकर बाहर आ गए। मेरे हाथ कांप रहे थे जैसे ही मैंने मम्मों को हाथ लगाया तो मुझे अहसास हुआ कि इससे मुलायम चीज दुनिया में कहीं नहीं हो सकती।
उसके मम्में एकदम गोल मटोल दूध जैसे सफ़ेद तकिये जैसे मुलायम फुटबॉल जैसे बड़े थे उसके निप्पल मम्मों के ठीक बीच में थे काले रंग के निप्पल सफ़ेद मम्मों पर जंच रहे थे। मेरे मुंह में पानी आ गया और मैंने उसके मम्मों को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया मैं उन दोनों मम्मों पर पागल कुत्ते की तरह टूट पड़ा उसके दूध का स्वाद बहुत ही मस्त था।
मम्मों के बाद मैं धीरे धीरे नीचे उसका बदन चाटता गया अब मैं उसके पेट को चूसने लगा उसका पेट एकदम स्लिम था और ठीक बीच में एक सुन्दर नाभि थी मैं उसको 5 मिनट तक चूसता रहा शांता कामुक होने लगी वो मेरे बाल पकड़ कर खींचने लगी थी मेरे मुंह को अपने बदन में घिसा रही थी।
मैंने इसका फायदा लेते हुए एक ही झटके में उसकी चड्डी निकाल दी अब मेरे सामने उसकी गोरी गोरी चूत मुझे अपने पास बुला रही थी मैंने उसकी चूत को हाथ लगाया शांता के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं कई साल से उसको मर्द का स्पर्श नहीं मिला था।
उसकी की चूत गीली हो गयी थी भले ही शांता की चूत ढीली हो गयी थी मगर कमाल की दिख रही थी दोस्तो, शांता के बदन की सबसे आकर्षित करने वाली कोई जगह अगर थी तो वो थी उसकी बड़ी गोरी 42 साइज की गांड कसम से आज तक अपनी लाइफ में मैंने ऐसी गांड कभी नहीं देखी थी।
जिस इंसान का लण्ड खड़ा नहीं हो रहा हो कामवाली की उस गांड को देखकर उसका भी लण्ड खड़ा हो सकता था मैंने शांता की चूत में एक उंगली डाली वो थोड़ी उचकी मैंने कुछ देर वो उंगली चलाई और फिर दो उंगली उसकी चूत में डालीं।
फिर मैं उसकी चूत के दाने को मसलने लगा और बीच बीच में चूत के दाने को चाटने लगा शांता के बदन में ऐसा करंट दौड़ने लगा कि उसकी कामुक सिसकारियां एकदम से तेज होने लगीं- आह्ह उम्म म्म्म ओह्ह चूसो मालिक आह्ह साब जी ओहह् जोर से आईई ऊईई।
सिसकारते हुए शांता मेरा मुंह अपनी चूत में दबा रही थी. उसके पैर कांपने लगे थे तभी दो मिनट के बाद वो एकदम से झड़ गयी फिर वो शांत हो गयी और मुस्कराने लगी मैं बोला- शांता रानी तेरी चूत की खुजली तो मिट गयी लेकिन मेरे सांप का मेरी पैंट में दम घुट रहा है।
मैंने फटाक से अपने कपड़े निकाले और अंडरवियर में हो गया मैंने शांता से कहा कि मेरी चड्डी निकाले वो शर्माते हुए नीचे बैठी और मेरी चड्डी पर हाथ फिराने लगी फिर खींचकर उसने मेरी चड्डी निकाली और मेरा काला 8 इंच का लंबा और मोटा लोहे जैसा सख्त लण्ड उसके सामने डोलने लगा।
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शांता डर गयी और बोली- ये क्या है गधे का बिठाया है क्या मेरे पति का तो इससे आधा भी नहीं था और ना ही मैंने किसी का इतना बड़ा लण्ड देखा है मैं बोला- किसी का मतलब तू पति के अलावा किसी से और से भी चुदी है क्या वो बोली- नहीं साब हमारे घर के पीछे खाली गंदी जगह पड़ी है।
वहां पर मर्द लोग पेशाब करने आते हैं कभी कभी लंड दिख जाते हैं मुझे वहां फिर मैं बोला- ठीक है मगर अब चूस तो सही इसे उसने मुंह खोलकर मेरा लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी मगर सही से उसके मुंह में लंड आ नहीं रहा था फिर भी उसने 10 मिनट तक मेरा लौड़ा चूसा।
अब मैंने शांता को कुतिया बनाया लण्ड पर और उसकी चूत पर मैंने थूक लगाया और फिर उसकी चूत पर लंड को सेट कर दिया लंड को सेट करके मैंने एक जोरदार झटका मार दिया मेरा लण्ड शांता की चूत को चीरते हुए अंदर घुस गया वो एकदम से चिल्लाई- आआआ ऊऊऊ मर गयी साब आह्ह गयी मेरी चूत काम से हाय दैया ओह्ह फट गयी रे।
मैं बोला- घबरा मत रानी अब थोड़ी देर बाद तुझे जन्नत की सैर कराऊंगा लंड उसकी चूत में था और उसकी चूत की गर्मी से लंड को जो सुकून मिल रहा था वो शब्दों में बयां किया ही नहीं जा सकता कुछ देर मैं लंड को चूत में डाले उसके ऊपर ही आनंद लेता रहा मुझे अपनी बीवी की चुदाई करते हुए बहुत साल हो गये थे।
कामवाली की चुदाई का मजा पहली बार ले रहा था इसलिए हर पल को लूटना चाह रहा था फिर धीरे धीरे मैं उसकी चूत में लंड को अंदर बाहर करने लगा शांता के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह साब जी आह्ह होये ओह्ह इतने दिनों बाद चुद रही हूं आह्ह अम्मा ओह्ह चोदो साहब ओह्ह जोर से पेलो।
उसकी कामुक सिसकारियां मेरा जोश बढ़ा रही थीं मैं उसकी चूत को और जोर से चोदने लगा. कमरे में फच फच की आवाजें आने लगीं कुछ देर चोदने के बाद मैंने उसको खड़ी किया और फिर खड़े खड़े ही उसकी चूत में लंड पेल दिया इस तरह कुछ देर चोदने के बाद मैंने उसे दोबारा बेड पर पटका और उसकी चूचियों को पीते हुए चोदा।
मैं थोड़ी देर बाद झड़ गया. शांता की चूत में मैंने अपना माल भर दिया फिर हम उठे और वो अपने कपड़े पहनने लगी उसका ब्लाउज फट गया था तो मैंने अपनी बीवी का नाईट सूट उसे दिया फिर कामवाली बाई चुदाई के बाद कपड़े पहन कर अपने काम पर चली गयी।
अब वो दोपहर को आने वाली थी वो काम पर आई तो मैं अपने ऑफिस के काम में बिजी था मैंने उसे उसका काम करने दिया तभी दोपहर के खाने का टाइम हो गया. मैं अपना ऑफिस का काम करके आराम करने सोफे पर बैठा था मैं मोबाइल में गेम खेल रहा था लेकिन मेरा ध्यान गेम पर नहीं था।
बार बार मेरी आँखों के सामने शांता की बड़ी गांड आ रही थी मैंने फोन रखा और किचन में चला गया और शांता के पीछे खड़ा हो गया शांता मेरी बीवी का नाईट सूट पहनकर सलाद बना रही थी पास जाकर मैंने पूछा- क्या कर रही हो वो बोली- सलाद काट रही हूं मैंने कहा- लाओ मैं गाजर काट देता हूं।
वो बोली- नहीं साब मैं काट लूंगी आप आराम करो मैं बोला- अगर तुम गाजर नहीं दे रही तो फिर मैं अपनी ये काली गाजर काम पर लगा देता हूं उसने मेरी पैंट में तने लौड़े को देखा और बोली- नहीं साब मेरी चूत सूजी पड़ी है अभी मुझे काम करने दो मैंने कहा- कोई बात नहीं तो पीछे वाला छेद किस दिन काम आयेगा।
एकदम से वो मेरी तरफ पलटी और बोली- क्या साहब मैंने कहा- क्या क्या मतलब मुझे तेरी गांड चोदनी है वो बोली- अरे साब मैं तो मजाक कर रही थी मेरी चूत बिल्कुल ठीक है पीछे वाले छेद की जरूरत नहीं पड़ेगी मैंने कहा- अब तू कुछ भी बोल लेकिन मैं तेरी गांड तो चोदकर ही रहूंगा।
वो बोली- मगर साब आज तक मैंने अपनी गांड में उंगली तक नहीं डाली तो ये गधे जैसा लंड कैसे जायेगा उसकी गांड पर हाथ फिराते हुए मैंने कहा- तू उसकी चिंता न कर ये कहकर मैंने शांता के मम्मों को दबाना चालू किया फिर मैंने उसको गर्म करके उसकी नाइटी को उतार दिया उसकी बड़ी गांड मेरी आँखों के सामने थी।
मैंने बैठकर उसकी गांड को खोलकर देखा गांड की दरार के अंदर बिल्कुल बीच में हल्का काले रंग का छोटा सा छेद था और उसके आजू-बाजू सुनहरे रंग के छोटे छोटे बाल थे बिना देर किये मैंने उसकी गांड को फैलाया और छेद पर उंगली फिराने लगा।
मैं उसके दोनों चूतड़ चबाने लगा नाक से उसकी गांड को सूंघने लगा मन कर रहा था कि उसकी गांड को कच्ची चबाकर खा जाऊं 10-15 मिनट तक तो मैं उसके कूल्हों को चाटता ही रहा फिर मैं खड़ा हो गया और अपने कपड़े निकाल फेंके मेरा काला लंड शांता की गांड में प्रेवश के लिए तैयार था।
वो डरी हुई थी फिर मैंने एक उंगली पर थूक लगाया और उसकी गांड में डालने का प्रयास करने लगा शांता की गांड का छिद्र इतना टाइट था कि बड़ी मुश्किल से मेरी उंगली उसकी गांड के अंदर गयी उसकी गांड में कमाल की गर्मी थी उसकी गांड पर मैंने कसकर तीन चार थप्पड़ लगाये फिर मैं खड़़े खड़े उसके मम्मों को दबाने लगा उसके होंठों को चूसने लगा।
अब मैं लण्ड शांता की गांड की दरार में रगड़ने लगा शांता गर्म होने लगी अब मैंने अपने लण्ड का सुपारा गांड के छेद पर रख दिया और अंदर डालने की कोशिश की मगर छेद इतना टाइट था कि लौड़ा इंच भर भी न सरका वो चिल्ला रही थी- जरा धीरे डालो आह्ह आईई दर्द हो रहा है।
मैं बोला- अबे रंडी अंदर गया ही नहीं और तू चिल्लाये जा रही है वो बोली- मुझे फिर भी दर्द हो रहा है साहब जरा धीरे धीरे डालो फिर से मैंने उसकी गांड को चाटना चालू किया और लण्ड उसकी गांड पर रख दिया मैंने फिर से उसकी चूत को भी रगड़ना चालू किया ताकि वो गर्म हो जाये।
जोर जोर से मैं उसकी चूत में उंगली चला रहा था बीच बीच में लंड के धक्के भी उसकी गांड में लगा रहा था ताकि उसकी गांड को लंड की आदत पड़ना शुरू हो अब मैंने शांता की कमर हाथों से पकड़ ली और जोर से लण्ड अंदर दबाया थोड़ा सा लण्ड अंदर जा ही रहा था कि तभी शांता चिल्लाते हुए मेरी पकड़ से छूटकर आगे भाग गयी।
मैंने गुस्से में आकर उसकी गांड पर जोर से थप्पड़ मारे और उसकी गांड लाल हो गयी फिर मैंने अपने लंड और उसकी गांड के छेद पर तेल लगाया लण्ड का सुपारा छेद पर रखकर गोल गोल घुमाने लगा बीच बीच में मैं हल्का हल्का धक्का मारने लगा 5 मिनट के बाद लण्ड का सुपाड़ा पहली बार अंदर गया।
उसे दर्द हो रहा था मैंने शांता को कहा- अभी प्लीज हिलना मत बड़ी मुश्किल से अंदर गया है वो बोली- साहब धीरे धीरे ही अंदर डालना मैंने कहा- अगर ऐसा ही चलता रहा तो पूरे दिन में भी लण्ड अंदर नहीं जायेगा तुम थोड़ी देर के लिए सहन कर लेना मैं 3 से 4 जोर के धक्के मारूँगा प्लीज हिलना मत।
शांता डरकर बोली- क्या गांड चोदना जरूरी है मैंने कहा- तू चुपचाप खड़ी रह दिमाग न खराब कर बस तू तैयार रहना मुझे शांता पर भरोसा नहीं था वो दर्द के मारे कभी भी भाग सकती थी इसलिए मैंने उसका दायां मम्मा दायें हाथ से पकड़ लिया उसका सीना जोर जोर से धक धक कर रहा था.
फिर मैंने पूरी ताकत लगाकर एक के बाद एक तीन चार झटके दे दिये और ठोक ठोककर उसकी गांड में लंड को उतार दिया वो दर्द से छटपटाने लगी बिलबिलाते हुए छूटने की कोशिश करने लगी मगर मैंने उसके चूचों को जोर से भींच दिया अब मैं किसी भी हाल में इस मेहनत को बेकार नहीं जाने देना चाहता था।
मैंने उसको वैसे ही उठा लिया उसको धीरे से बेड पर लिटाया लिटाकर उसकी चूचियों को सहलाते हुए उसकी चूत को छेड़़ने लगा मैं उसकी चूत को सहलाने लगा. उसको हर जगह किस करने लगा ताकि उसका दर्द कम हो कुछ देर के बाद मैंने धीरे धीरे धक्के लगाते हुए पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में उतार दिया।
मैं बोला- शांता रानी कैसा लग रहा है मेरी जान गांड में मेरा लंड लेकर वो कराहते हुए बोली- आह्ह साब ऐसा लग रहा जैसे किसी ने लोहे का गर्म डंडा गांड में डाला हो मैं बोला- मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैंने दो गर्म तकियों के बीच में अपना लंड रख दिया है फिर मैंने उसकी गांड चोदना शुरू कर दिया।
कुछ देर के बाद उसको गांड में लंड लेने में मजा आने लगा वो सिसकारने लगी- आह्ह साब अब अच्छा लग रहा है मैं बोला- मैंने कहा था मेरी रानी एक बार ले लिया तो खुद ही तू अपनी गांड चुदवाने के लिए कहा करेगी गांड चुदवाने का मजा एक बार तुझे मिल गया तो तू रोज ही चुदवाया करेगी।
फिर मैंने उसे खड़ी किया और बेडरूम से किचन तक गांड चोदते चोदते ले गया अब मैंने चुदाई की स्पीड को बढ़ा दिया. शांता भी मज़े लेने लगी कई मिनट तक मैंने उसको किचन में खड़ी खड़ी चोदा. फिर मैंने चुदाई रोक दी उसके बाद उसने नंगी ने ही खाना परोसा।
बहन की सहेली की कुवारी चूत को चोदा-Hindi Sex Story
मैंने उसको गोद में बिठा लिया और उसकी गांड में लंड दे दिया वो मेरे लंड को गांड में लेकर गोद में बैठी रही मैंने उसको अपने हाथों से खिलाया और बीच बीच में उसकी चूची भी दबाता रहा खाना खाने के बाद फिर से बची हुई चुदाई हमने पूरी की।
उसको चोदते हुए मैंने अपने लंड की सारी मलाई उसकी गांड में उड़ेल दी जब चुदाई खत्म हुई तो शांता की गांड का छेद खुलकर पूरा बड़ा हो गया था उस आकार के छेद में एक मोटा चूहा आराम से घुस सकता था फिर शांता बर्तन धोने के लिए चली गयी और मैं सोने के लिए चला गया।
अभी तो रात बाकी थी. उसकी चूत और गांड मैंने दोनों ही चोद ली थी मगर अभी बहुत कुछ होना बाकी था उसके बाद रात को मैंने अपनी सेक्सी कामवाली के साथ और क्या क्या किया और कैसे उसके गदरीले जिस्म के साथ खेल खेलकर मजे लिये वो सब मैं आपको अपनी दूसरी कहानी में लिखूंगा।
कामवाली बाई की चुदाई की ये कहानी आपको कैसी लगी मुझे इस बारे में अपना फीडबैक जरूर दें. आप कहानी पर कमेंट करना भी न भूलें।