परी जैसी खुबसूरत लड़की को होटल में ले जाकर किस्मत खुल गई

परी जैसी खुबसूरत लड़की को होटल में ले जाकर किस्मत खुल गई

New Virgin Girl Ki Chudai, कामुकता, ये सेक्सी कहानी शुरू करने से पहले अपने बारे में बताना चाहता हूँ. मेरी उम्र 22 साल है कद 5 फुट 8 इंच है दिखने में अच्छा और रंग गोरा और साथ ही जिम जाने की वजह से बहुत चुस्त और फिट हूँ। और लंड 8.5 इंच इतना है कि किसी भी आंटी औरत और भाभी और लड़की की प्यास बुझाने को काफ़ी है. आप सभी को ज्यादा बोर ना करते हुए सीधे कहानी पर आते हैं। परी जैसी खुबसूरत लड़की को होटल में ले जाकर किस्मत खुल गई.

यह कहानी है एक कमसिन जवान लड़की की जिसकी तारीफ कैसे करूँ वो बिलकुल पारी के जैसी खुबसूरत थी. मैं उसके बारे में आपको बताता हूँ। सफ़ेद दूध सा गोरा रंग चूचियाँ 34″ कमर एकदम पतली 28″ बड़ी कमाल की बनाया उसको भगवान ने। उसका नाम अंशिका … उसकी और मेरी पहली मुलाक़ात लखनऊ मेट्रो में हुई.

कसम से उसे देखते ही पागल हो गया मैं पर मैंने देखा कि वो परेशान दिख रही है तो मैंने उसकी मदद करने का सोचा. तो पता लगा उसका पर्स खो गया है और उसके पास पैसे नहीं है. मैंने उसकी मदद की तो उसने मेरा नम्बर लिया. फिर अगले दिन उसका मैसेज आया- थँक्स फॉर हेल्पिंग मी। मैंने उसको इट्स ओके बोला. फिर यहां से शुरू हुई कहानी.

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मैंने उसको फ़्रेंड बनने के लिए बोला तो फ़ौरन मान गयी। धीरे धीरे उसे मुझसे प्यार होने लगा फिर मिलना शुरू हो गया। एक दिन हम फ़िल्म देखते हुए मैंने उसे किस कर दिया. उसका साथ पाकर मैंने उसे अच्छे से पकड़ लिया और लगातार चूमने लगा. अब वो भी गर्म हो चुकी थी. मैंने देर ना करते हुए उसके चूचे दबाने शुरू कर दिये.

फिर एक हाथ से मैं उसकी चुत सहला रहा था और एक हाथ से चूची दबा रहा था. क्या मादक आवाजें ‘उउउ अह्ह्ह उह्ह्ह आह्ह …’ की गूंज रही थी. आसपास कोई नहीं तो कोई डर नहीं था। अब आग दोनों तरफ लगी थी तो मैंने होटल में जाने की बात की. तो वो मान गयी. आज मेरी किस्मत खुलने वाली थी.

अब जाते ही मैंने उसको अपनी बांहों में जकड़ लिए और चूमना शुरू कर दिया. चूमते चूमते हमें पता नहीं लगा कि कब हमारे कपड़े बदन से अलग हो गए. अब वो सिर्फ लाल ब्रा और नीली पेंटी में थी … बिल्कुल कातिल लग रही थी। उसकी बदन की खुशबू मुझे पागल कर रही थी. अब मैं भूखे शेर की तरह उस पे टूट पड़ा.

मैंने उसकी ब्रा की कैद में से उसकी चूचियाँ आजाद कर दी. मैं उसकी चूचियां मसलने और चूसने लगा. कुछ देर के बाद मैंने पेंटी अपने दांतों से उतार कर फेंक दी। अब मैंने उसको चूमना शुरू किया. मैंने पैर से लेकर उसको गले तक चूमा. फिर मैंने उसकी चूत पर जैसे ही जीभ लगाई, वो पागल हो उठी और बहुत गर्म होने लगी.

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अब मैंने उसकी चुत को जीभ से चोदना शुरू कर दिया. उसे भी बहुत मजा आ रहा था और वो मेरा सर अपनी चुत में दबाये जा रही थी. अब धीरे धीरे वो अकड़ना शरू हुई और मेरे मुँह में झड़ गयी. उसकी चूत से क्या नमकीन पानी निकला था। मैंने सारा पानी चाट चाट कर अंशिका की चुत को साफ कर दिया.

अब अंशिका ने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. कसम से … उसके लंड चूसने के अन्दाज़ ने तो मुझे पागल ही कर दिया. मैं 10 मिनट मैं ही झड़ गया और मेरी अंशिका जान मेरा सारा माल बड़े स्वाद से पी गयी। अब मैं कहाँ रुकने वाला था … मैंने उसे चूसना शुरू किया और मैं उसकी चूचियाँ दबाने लगा.

वो गर्म हो गयी और मेरा लंड अपने हाथ में लेक हिलाने लगी. अब बारी थी अंशिका की चुत चुदाई की! मैंने अंशिका को बिस्तर पर लिटाया और खुद उसके नंगे जिस्म पर आ गया. मैं उसके लब चूसने लगा और कुछ पल बाद मैंने अपना लंड अंशिका की चूत कर छेद पे सेट किया और जोर का झटका मारा. तो अंशिका की चीख निकल गयी.

और मैंने देखा कि मेरा लंड अभी आधा ही अंशिका की चूत में गया था. मैंने एक और जोरदार झटका मारा. अब मेरा लंड पूरा उसकी चुत के अंदर घुस चुका था. अब अंशिका रोने लगी और दर्द के मारे मचलने लगी. मैंने उसको समझाया और 2 मिनट रुका. फिर मैं झटके लगाने शुरू किये.

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फिर कुछ देर बाद उसकी चूत में दर्द कम हुआ तो वह धीरे धीरे अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी. अब जो घमासान चुदाई शुरू हुई तो पूरे 25 मिनट चली और अंशिका इतनी देर में दो तीन बार झड़ गयी। हम दोनों लेट कर आराम करने लगे. मैं उसकी चूचियों को सहला रहा था और उसके होंठों को चूसते हुए उससे बातें भी कर रहा था.

मेरे पूछने पर उसने बताया कि वो इस चुदाई से खुश थी. थोड़ी देर आराम करने के बाद फिर मेरा लंड खड़ा होने लगा. एक बार फिर से मैं अंशिका के नंगे बदन के ऊपर आ गया. मैंने उसकी चूचियाँ चूसनी शुरू की और अंशिका की चुत में उंगली से सहलाने लगा. फिर थोड़ी देर में अंशिका गर्म हो गयी और मेरा लंड तो हमेशा तैयारी में रहता है.

इस बार मैंने अंशिका को घोड़ी बनाया और उसके पीछे आकर पूरा लंड एक बार में ही उसकी चूत के अंदर डाल दिया. अंशिका एक बार फिर से कराह उठी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ जोरदार झटकों के साथ घमासान चुदाई करते करते मेरा मन अंशिका की गांड मारने का करने लगा.

मैंने अंशिका से अपनी लालसा बतायी तो वो मना करने लगी, कहने लगी कि पीछे डलवाने में तो बहुत ज्यादा दर्द होगा. मैंने उसकी मानमनौव्वल की तो थोड़ा जोर देने पर मान गई. अब मैंने अंशिका के पर्स से कोल्ड क्रीम निकाली, थोसी सी अपने लंड पे लगायी और थोड़ी सी अंशिका की गांड के छेद पर! तब मैंने लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और जोर लगाने लगा.

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मेरा लंड धीरे धीरे अंशिका की गांड में घुसने लगा. अंशिका दर्द से कराहने लगी उसकी गांड बहुत टाइट थी लेकिन फिर भी उसने हिम्मत रखी और लंड अपनी गांड में घुसवाती रही. आधा लंड घुसाने के बाद मैंने एक झटका मारा और अंशिका की तेज चीख़ निकल गई, लंड पूरा घुसते ही अब मैंने धीरे धीरे झटके मारने शुरू किए. “परी जैसी खुबसूरत लड़की”

अब लंड आराम से अंदर बाहर होने लगा. उसको मैंने बीस मिनट चोदा. इस घमासान चुदाई के बाद मेरे लंड की हालत भी ख़राब हो गई थी और अंशिका भी इस चुदाई के बाद बहुत दर्द में थी, उसकी गांड में से खून निकल रहा था. मैंने अपना वीर्य उसकी गांड में ही निकाल दिया.

तन मैंने अपना लंड उसकी गांड में से बाहर खींचा तो उसकी गांड में से मेरा वीर्य बाहर बहाने लगा. तब वो उठ कर बाथरूम में गई और खुद को साफ किया. पर वो अच्छे से चल नहीं पा रही थी … चलने में दर्द हो रहा था उसे बहुत। अब मैंने खाना आर्डर किया, हम दोनों ने खाना खाया. फिर मैंने उसे एक दर्द की दवाई और एक गर्भ निरोध गोली दी.

ये दवाइयां मैंने पहले ही केमिस्ट से लेकर रख ली थी. फिर थोड़ी देर में दर्द कम होने से वो सही चल पा रही थी। अंशिका अपनी चुदाई से इतनी खुश थी कि उसने बाद में अपनी दो सहेलियों को भी मुझसे चुदवा दिया था. अब अंशिका का लखनऊ से ट्रांसफर हो गया, वो अब ग्रेटर नॉएडा में रहती है.

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जब तक वो लखनऊ में रही, हमने बहुत सेक्स किया, बहुत मजे किए. लेकिन अब सब खत्म हो गया, मैं अकेला रह गया। अब अंशिका से बात नहीं होती. पर वो जहाँ होंगी खुश होगी और मेरी चुदाई याद कर रही होगी. हमने बहुत हसीन चुदाई की। मेरी कहानी आपको कैसी लगी, मेल करते रहें, ऐसे ही प्यार बनाये रखें. Manishvanjani563@gmail.com jarur bataye kaisi lagi.

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