Poori Tarah Uttejit Ladki Ko Apna Lund Diya Chusne Ko
Hindi Sex Story मेरे जब कॉलेज के एग्जाम खत्म हो गए तो मेरे बड़े भैया ने मुझे कहा कि कुछ दिनों के लिए तुम पुणे मेरे पास आ जाओ मैंने कहा ठीक है मैं आपके पास हीं आ जाता हूं। मैं कुछ दिनों के लिए पुणे चला गया जब मैं पुणे गया तो कुछ दिन की तो भैया ने छुट्टी ले ले ली थी लेकिन उसके बाद मैं घर पर अकेला ही रहता था. Poori Tarah Uttejit Ladki Ko Apna Lund Diya Chusne Ko.
मैं अकेले बहुत बोर हो जाया करता जिससे कि मेरा मन बिल्कुल भी पुणे
में नहीं लग रहा था। मैंने एक दिन भैया से कहा भैया मैं घर जा रहा हूं वह कहने लगे
कुछ दिन और रुक जाओ फिर हम दोनों ही साथ चलेंगे। भैया भी काफी समय से घर नहीं आए
थे तो वह कहने लगे कि हम दोनों ही साथ में चलेंगे इसलिए मुझे पुणे में रुकना पड़ा।
जहां भैया का फ्लैट था वहीं पास में एक पार्क भी था मैं हर शाम वहां पर बैठने के लिए चला जाया करता था और वहां पर मैं काफी देर तक बैठा रहता था। एक दिन मैं पार्क में ही बैठा हुआ था तभी मैंने देखा एक लड़का और लड़की आपस में बहुत झगड़ रहे है मैं उन्हें देख रहा था और जितने भी लोग पार्क में थे वह भी उन्हें देख रहे थे लेकिन किसी की भी हिम्मत नहीं हुई कि वह उनसे जाकर कुछ बोल सकें।
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काफी देर बाद वह लड़का और लड़की वहां से चले गए और मैं भी वहां से
घर चला गया जब शाम को भैया घर लौटे तो वह मुझसे कहने लगे सुमित तुम घर में बोर हो
जाते हो तो मैंने कहा हां भैया मैं घर में अकेले बोर हो जाता हूं इसलिए शाम के
वक्त में पार्क में बैठने के लिए चला जाता हूं। वह मुझे कहने लगे बस पांच दस दिनों
की बात है फिर मैं छुट्टी ले लूंगा उसके बाद हम लोग घर चले जाएंगे जब मैं बेंगलूर
आया था. तो भैया ने कुछ दिनों के लिए छुट्टी
ली थी और उन्होंने मुझे पुणे में घुमाया लेकिन उन्हें भी ऑफिस में काम था इसलिए वह
ऑफिस में काम करने लगे।
मैं पार्क में बैठा हुआ था तो वहां पर मुझे वही लड़की दिखी जो उस
लड़के के साथ झगड़ा कर रही थी लेकिन वह अकेली थी और उसके चेहरे से साफ झलक रहा था
कि वह बहुत ज्यादा उदास है। मैं उसे देखता रहा लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं
उससे बात कर सकूं इसलिए मैंने उससे बात नहीं की और चुपचाप एक सीट में मैं बैठा था
तभी वह लड़की वहां से जा रही थी जैसे ही वह मेरे आगे से गुजरी तो मैंने देखा उसका
पर्स वही सीट पर रह गया है।
मैंने वह पर्स उठाया और उसको आवाज देते हुए रोका उसने पीछे पलट कर देखा तो मैंने उसे कहा आपका पर्स रह गया है वह मेरे पास आई और मैंने उसे पर्स दे दिया। उसने मुझे कहा आपका बहुत धन्यवाद मैंने उसे कहा इसमें थैंक्यू की कोई बात नहीं है उसने मुझसे पूछा कि क्या आप यहीं रहते हैं। मैंने उसे बताया नहीं मैं गोरखपुर का रहने वाला हूं लेकिन कुछ दिनों के लिए यहां आया हुआ हूं मेरे भैया यहां जॉब करते हैं और मैं उन्ही के पास आया था।
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वह कहने लगी आपके भैया कहां रहते हैं तो मैंने उसे बताया कि यहीं
पास में फ्लैट है वहां पर रहते हैं वह मुझे कहने लगी मैं भी तो वहीं पर रहती हूं
उसने अपना नाम बताया उसका नाम रितु है। उसके बाद वह वहां से चली गई और दो दिन तक
उस से मेरी मुलाकात नहीं हुई लेकिन दो दिन बाद मुझे फ्लैट के बाहर वह मिल गई वह
कहने लगी क्या आपका यहां पर कोई दोस्त नहीं है। मैंने उसे बताया मेरे यहां कोई
दोस्त नहीं है वह कहने लगी क्या आप मुझसे दोस्ती करेंगे तो मैंने उसे कहा क्यों
नहीं वैसे भी मुझे एक दोस्त की जरूरत है जिसके साथ मैं यहां पर घूम सकूँ।
वह कहने लगी ठीक है तो फिर आप बताओ आज कहां घूमने का प्लान बनाया
जाए मैंने उसे कहा मुझे यहां के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप ही देख लो।
रितु मुझे कहने लगी ठीक है हम लोग चलते हैं वह मुझे अपने साथ घुमाने के लिए ले गयी
और उस दिन हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा समय बताया जिससे कि मेरी रितु से अच्छी
दोस्ती हो गई। वह मुझे कहने लगी आप बहुत ही अच्छे हैं मैंने रितु से कहा क्या हम
दोनों एक दूसरे को नाम से पुकार सकते हैं वह कहने लगी क्यों नहीं आप मुझे रितु कह
सकते हैं और मैं आपको सुमित कह सकती हूं।
उसके अगले दिन जब हम लोग दोबारा मिले तो मैंने रितु से पूछा कि
वैसे तो मुझे तुमसे पूछना नहीं चाहिए था लेकिन फिर भी मैं तुमसे पूछे बिना नहीं रह
पा रहा हूं मैंने रितु को कहा क्या हम लोग पार्क में चलें। वह कहने लगी हां चलो
पार्क में चलते हैं हम लोग पार्क में चले गए हम लोग जब सीट में बैठे तो उसके बाद रितु
मुझसे पूछने लगी की तुम्हे क्या पूछना था। मैंने उसे कहा मुझे पूछना था कि जब मैं
यहां पर आया था.
तो उस वक्त तुम्हारा एक लड़के के साथ झगड़ा हो रहा था और तुम दोनों के बीच इतना ज्यादा झगड़ा हो रहा था कि तुम दोनों गुस्से में यहां से चले गए। रितु मुझे कहने लगी वह मेरा बॉयफ्रेंड है लेकिन उसके साथ अब मेरी बिल्कुल भी नहीं बनती क्योंकि वह मुझे बहुत परेशान करता है। वह मेरा ख्याल भी नहीं रखता हम दोनों के बीच में बिल्कुल भी प्यार नहीं है मेरी उससे काफी उम्मीद थी लेकिन उसने मेरी सारी उम्मीदों को तोड़ दिया।
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दरअसल वह हमारे कॉलेज की लड़की के साथ अपना चक्कर चला रहा है और जब
मुझे यह बात मालूम पड़ी तो मैंने उसे समझाया और कहा देखो मैं तुमसे प्यार करती हूं
लेकिन वह समझने को ही तैयार नहीं था वह कहने लगा मैं भी तुमसे प्यार करता हूं तुम
बेवजह ही मुझ पर शक करती हो। जब हम दोनों बात कर रहे थे तो वह मेरे साथ झगड़ा करने
लगा और कहने लगा तुम्हारी तो यही आदत है तुम हमेशा ही मेरे बारे में गलत समझती हो
इसीलिए तो मैं तुम्हारे साथ नहीं रहना चाहता हूं, उस दिन हम दोनों के बीच बहुत ज्यादा
झगड़ा हुआ फिर मैं और सिद्धार्थ वहां से चले गए।
मैंने रितु से पूछा तुम सिद्धार्थ को कब से जानती हो वह कहने लगी
मैं सिद्धार्थ को काफी समय से जानती हूं और हम दोनों के बीच बहुत प्यार था लेकिन
कुछ समय से हम दोनों के बीच में बहुत झगड़े हो रहे हैं। जिसकी वजह से मैं काफी
परेशान हो चुकी हूं और मैं नहीं चाहती कि मैं अब सिद्धार्थ के साथ रहूँ क्योंकि सिद्धार्थ
मुझे बिल्कुल भी नहीं समझता मुझे नहीं लगता कि अब हम दोनों का रिलेशन ज्यादा समय
तक चल पाएगा इसलिए मुझे यही बेहतर लग रहा है कि हम दोनों एक दूसरे से अलग ही रहे।
रितु ने मुझे पूछा की क्या तुम्हारी भी कोई गर्लफ्रेंड है मैंने उसे बताया कॉलेज में मैं एक लड़की को पसंद करता था लेकिन मेरी हिम्मत उससे कभी बात करने की नहीं हो पाई। रितु कहने लगी तुम्हें हिम्मत तो दिखानी ही पड़ेगी तभी तो तुम उससे बात कर पाओगे मैंने रितु से कहा हां सोचता तो कई बार हूं कि मैं उससे बात करूं लेकिन मैं उससे बात ही नहीं कर पाता। मैंने रितु को कहा आगे तुमने अपने फ्यूचर के बारे में क्या सोचा है वह कहने लगी मैं तो यही पुणे में जॉब करने वाली हूं और जैसे ही मेरा कॉलेज कंप्लीट होगा उसके बाद मैं जॉब के लिए अप्लाई कर दूंगी। “Poori Tarah Uttejit Ladki”
हम दोनों की उस दिन काफी देर तक बात हुई और मुझे लगा रितु बहुत अच्छी लड़की है सिद्धार्थ ने भी कहीं ना कहीं उसके साथ गलत किया था। हम दोनों साथ में बैठे हुए थे तभी ना जाने हम दोनों की बातें सेक्स को लेकर होने लगी मैंने जब पार्क मे रितु की जांघ पर हाथ रखा तो वह उत्तेजित हो गई और वह मेरे हाथ को दबाने लगी। मैं समझ चुका था कि उसके अंदर उत्तेजना जाग चुकी है मैं उसे भैया के फ्लैट में ले गया और वहां पर जब मैंने उसे कहा क्या तुम मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो तो वह कहने लगी हां।
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जैसे ही उसने हां कहा तो मैंने उसके बदन से कपड़े उतारने शुरू किए
और उसके स्तनों को मैं दबाने लगा जिससे कि उसके अंदर जोश पैदा होने लगा मैंने उसके
स्तनों को काफी देर तक चूसा। मैंने उसकी योनि को सहलाना शुरु किया तो वह मचलने लगी
मैंने जब अपनी जीभ को उसकी चूत पर लगाया तो वह मचल उठी मैंने जब उसकी चूत को अपनी
जीभ से चाटना शुरु किया तो उसे बड़ा मजा आ रहा था.
काफी देर तक मैं उसकी योनि का रसपान करता रहा। जैसे ही मैंने अपने
लंड को रितु के मुंह के अंदर डाला तो वह लंड को चुसने लगी उसने मेरे लंड को अपने
गले तक ले लिया था उसकी योनि पूरी तरीके से गीली हो चुकी थी। मैंने अपने लंड को
उसकी योनि पर सटा दिया जैसे ही मैंने अपने लंड को उसकी योनि पर सटाया तो वह
उत्तेजित होने लगी।
मैंने धक्का देते हुए रितु की योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया वह मुझे कहने लगी तुम्हारा मोटा लंड अपनी चूत मे लेकर मुझे बड़ा मजा आ रहा है मैंने उसे कहा तुम्हें तो तुम्हारे बॉयफ्रेंड ने भी चोदा होगा। वह कहने लगी हां हम दोनों के बीच कई बार सेक्स संबंध बने लेकिन तुम्हारे लंड को अपनी चूत में लेने में कुछ अलग ही मजा आ रहा है. “Poori Tarah Uttejit Ladki”
उसने अपने दोनों पैरों को खोल दिया मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के दिए जाता उसके मुंह से मादक आवाज निकल रही थी और वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी। मैं उसे बड़ी तेज गति से धक्के दिए जाता जिससे कि उसकी योनि से कुछ ज्यादा ही गरम पानी निकलने लगा वह पूरे जोश में आ चुकी थी और मुझे कहने लगी मुझे बड़ा दर्द महसूस हो रहा है।
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मैंने उसे कहा बस कुछ देर की ही बात है फिर तुम्हें मजा आने लगेगा मैंने उसे बड़ी तेजी से धक्के दिए कुछ ही समय बाद वह झड गई। उसने अपनी योनि को और भी टाइट कर लिया जिससे कि मेरा लंड अंदर जा ही नहीं रहा था परंतु मेरे वीर्य के गिरते ही हम दोनों शांत हो गए और एक साथ कुछ देर तक बैठ कर बात करते रहे कुछ देर बाद रितु चली गई और मैं भी गोरखपुर वापस लौट आया हूं।