Sexy Kahaniyo Ki Kitab Bahan Ke Hath Lag Gai Incest

Sexy Kahaniyo Ki Kitab Bahan Ke Hath Lag Gai Incest

दोस्तों मेरा नाम सौरभ है, मेरा साफ रंग गठीला बदन जवान शरीर किसी भी लड़की को अंपनी तरफ आकर्षित करने के लिए बहुत अच्छा है, इसलिए मुझे बहुत सारी लड़कियाँ अपना बॉयफ्रेंड बनाने की इच्छा जरुर अपने मन में रखती थी। दोस्तों मुझे बचपन से ही सेक्स करना बहुत अच्छा लगता था और मैंने अपनी बहन की चुदाई करने के बाद बहुत बार कई लड़कियों के साथ चुदाई के मस्त मज़े लिए जिसके बाद मेरा मन ख़ुशी से झूम उठता है। Sexy Kahaniyo Ki Kitab Bahan Ke Hath Lag Gai Incest.

अब में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियों को पढ़कर उनके मज़े लेने लगा हूँ, जिसकी वजह से मेरा मन खुश रहता है, क्योंकि यह सभी कहानी मुझे बड़ा उत्साहित किया करती है इनको पढ़कर मेरे मन जोश से भर जाता है। दोस्तों आज में आप सभी की सेवा में अपनी एक सच्ची घटना को लेकर आया हूँ जिसमें मैंने मेरे साथ रहने वाली मेरी चचेरी बहन के कहने पर ही उसके साथ मस्त मज़े लिए और सच कहता हूँ कि में उसके साथ यह सब करने के विचार बहुत दिनों से अपने मन में लिए था।

दोस्तों मुझे मेरी बहन का गोरा बदन उसके उठे हुए बड़े आकार के बूब्स और वो गदराया हुआ कामुक जिस्म पागल किए था, लेकिन वो मेरी बहन थी इसलिए बस में उसके बारे में सोचकर ही रह जाता था मेरी उसके साथ कुछ भी करने की हिम्मत नहीं होती थी।

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दोस्तों वैसे हम दोनों के साथ में रहने की वजह से उसके में बहुत खुलकर रहने लगा था और बहुत बार में काम करते समय उसके बूब्स को देख चुका था। फिर एक दिन भगवान ने शायद मेरे मन की बात को उनकर, उस घटना की वजह से हम दोनों बहुत पास आ गए और चुदाई के हमने मज़े लिए और अब ज्यादा बोर ना करते हुए में सीधे कहानी को सुनाना शुरू करता हूँ।

दोस्तों यह घटना जो मेरे साथ आगरा में हुई मेरा नाम राज है, में 26 साल का हूँ और मेरी चचेरी बहन का नाम दिव्या है, वो 22 साल की है जवान सुंदर और उसके बूब्स के बारे में तो आप पूछो मत, क्योंकि वो बहुत ही सुंदर है एकदम गोरी उसके बाल बड़े लंबे काले है, उसकी लम्बाई करीब 5.5 है और उसके बूब्स का आकार 36-24-38 है और उसके बूब्स बड़े मस्त एकदम गोलमटोल है।

दोस्तों यह घटना मेरे साथ तब घटी जब हम दोनों अपने घर से बाहर आगरा में एक ही कमरा में रहते थे, क्योंकि हमारे घर के आसपास कोई भी ऐसा कॉलेज नहीं था इसलिए हम दोनों को हमारी पढ़ाई की वजह से वहां पर रहना पड़ा। दोस्तों मैंने हम दोनों के कॉलेज से कुछ दूरी पर ही एक कमरा किराए से लिया हुआ था और उसमे हम दोनों ही रहते थे और मैंने अपने उस कमरे में पढ़ने के लिए कुछ गंदी सेक्सी कहानियों की किताबें भी रखी हुई थी।

फिर जब कभी भी मुझे मौका मिलता में अकेले में या फिर पढ़ाई करने के बहाने से उन सेक्स कहानियों के मज़े लेता था और उन कहानियों को पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लगता था, लेकिन मेरे अंदर की आग उस काम को करके बढ़ती ही जा रही थी। एक दिन मेरी बहन दिव्या के हाथों में कमरे की सफाई करते समय वो किताब गलती से लग गयी, उस समय में वहां पर नहीं था।

फिर उसने उन कहानियों को बहुत ध्यान से पढ़ा और इसलिए वो बहुत गरम हो चुकी थी, उसको मेरी आदतो और मेरी गंदी सोच के बारे में पता चला जिसकी वजह से उसका डर मुझसे यह बात खुलकर कहने की हिम्मत आ गई। दोस्तों अब में अपने लंड और मेरी बहन अपनी चूत की उत्तेजना की वजह से अपने आपे में नहीं रह सके।

फिर वो जब में शाम को अपने कमरे पर पहुंचा तो मुझे उसके मेरे प्रति व्यहवार में बहुत बदलाव नजर आया वो मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी और उसके खिले चेहरे से मुझे उसकी खुशी का अंदाजा पूरी तरह से खुलकर मुझसे कहने लगी कि में तुम्हारी पत्नी बन जाती हूँ और तुम मुझे अपनी पत्नी समझकर मेरे साथ जमकर सेक्स करो। दोस्तों वो उस समय जींस शर्ट में थी और अब वो मुझसे कहने लगी कि चलो अब तुम.

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दोस्तों इतना कहकर उसने मुझे चूमना प्यार करना शुरू कर दिया, मेरे होंठो को वो बुरी तरह से चूमने लगी थी, जिसकी वजह से कुछ देर बाद में भी जोश में आ गया। अब में भी उसको चूमने लगा था और मैंने उसको अपनी बाहों में दबाकर प्यार करना शुरू किया और वो भी मेरा साथ देने लगी थी। फिर उसको मैंने खींचकर पलंग पर लेटा दिया और में उसके ऊपर आ गया और अब मैंने उसको चूमना शुरू कर दिया।

फिर करीब दस मिनट तक में उसको चूमता ही रहा। फिर मैंने उसकी शर्ट को खोल दिया और उसके बाद मैंने उसकी ब्रा को भी खोल दिया और जैसे ही मैंने उसकी ब्रा को खोला, उसी समय उसके गोरे बड़े आकार के बूब्स उछलकर तुरंत बाहर आ गये। अब में चकित होकर बूब्स को देखकर एकदम पागलों की तरह उन दोनों बूब्स को दबाने लगा और मन ही मन में सोचने लगा.

कि कितने दिनों के बाद मुझे अपनी बहन के पूरे बूब्स वो भी बिना कपड़ो के नजर आए और मुझे बूब्स को पहली बार छूने के अलावा दबाने का भी मौका मिला था। फिर मैंने भूखे की तरह लपकते हुए उसकी निप्पल को अपने मुहं में भर लिया और अब में बूब्स को चूसने लगा और बूब्स को चूसते हुए ही उसकी जींस को उतारकर मैंने उसको अपने सामने पेंटी में कर दिया।

अब मैंने अपने एक हाथ से छूकर देखा कि उसकी चूत अब तक बहुत गरम हो चुकी थी और जोश की वजह से उसकी पेंटी चूत के पास वाले हिस्से से गीली भी हो चुकी थी। फिर मैंने कुछ देर चूत को सहलाने के बाद उसकी पेंटी को उतारकर उसके दोनों पैरों को फैलाकर में अब चूत को चाटने लगा था और वो सिसकियाँ ले रही थी आह्ह्ह्ह आस्स्स्स्शहस।

अब वो अपनी चूत को मेरी जीभ से चूसने चाटने के मज़े लेने के साथ ही जोश में आकर मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर उसको सहलाने के साथ ही खींच भी रही थी और वो लंड को कसकर दबा भी रही थी। फिर मैंने कुछ देर बाद दिव्या ने जोश में आकर अपनी कमर को ऊपर उठा लिया और वो मेरे तने हुए लंड को अपनी जांघो के बीच लेकर रगड़ने लगी थी और वो मेरी तरफ करवट लेकर लेट गयी. “Sexy Kahaniyo Ki Kitab”

मेरे लंड को ठीक तरह से पकड़कर मज़े ले रही थी। अब उसके दोनों बूब्स मेरे मुँह के बिल्कुल पास थे और में उन्हे कसकर दबा रहा था, तभी अचानक से उसने अपने एक बूब्स को मेरे मुँह में डालते हुए मुझसे कहा कि तुम इनको अपने मुँह में लेकर चूसो और इनका पूरा रस पी जाओ।

फिर मैंने उसी समय उसके एक बूब्स मुँह में भर लिया और में ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा था, थोड़ी देर के लिए मैंने उसके बूब्स को अपने मुँह से निकालकर उसको कहा कि में हमेशा तुम्हारे कसे बूब्स को देखकर सोचता था और हैरान होता था और इनको छूने की मेरी बहुत इच्छा होती थी और दिल करता था कि इन्हे में अपने मुँह में लेकर इनको चूसने के मज़े लूँ और इनका रस पी जाऊं, लेकिन में डरता था कि पता नहीं तुम क्या सोचो और कहीं तुम मुझसे नाराज़ ना हो जाओ।

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फिर वो कहने लगी कि हाँ आज मुझे तुम्हारे मन की सभी बातें समझ आ रही है और अब तुम क्यों इतनी देर लगा रहे हो तुम्हे किसने मना किया। अब मैंने उसको कहा कि तुम नहीं जानती दिव्या कि तुमने मुझे और मेरे लंड को कितना परेशान किया है? फिर दिव्या ने कहा कि अच्छा तो आज तुम अपनी तमन्ना को पूरी कर लो जी भरकर दबाओ चूसो और मज़े लो में तो आज से पूरी की पूरी तुम्हारी हूँ जैसा चाहे तुम मेरे साथ वैसा ही करो। फिर क्या था? दिव्या की हरी झंडी को पकड़ में दिव्या के बूब्स पर टूट पड़ा।

अब मेरी जीभ उसके खड़े निप्पल को महसूस कर रहे थे। मैंने अपनी जीभ को दिव्या के उठे हुए खड़े निप्पल पर घुमाना शुरू किया और में उसके दोनों अनारों को कसकर पकड़े हुए था और में बारी बारी से उन्हे चूस रहा था। दोस्तों में जोश में आकर ऐसे कसकर बूब्स को दबा रहा था जैसे कि उन दोनों बूब्स का पूरा का पूरा रस आज ही निचोड़ लूँगा और दिव्या भी जोश में आकर मेरा पूरा साथ दे रही थी। “Sexy Kahaniyo Ki Kitab”

अब उसके मुहं से ओह्ह्ह्हह आह्ह्ह्हह्ह स्सीईईईइ की आवाज़ निकल रही थी, मुझसे पूरी तरफ से सटे हुए वो मेरे लंड को बुरी तरह से मसल रही थी और मरोड़ रही थी और उसने अपने एक पैर को मेरी जांघ के ऊपर रख दिया और उसने मेरे लंड को अपनी दोनों जांघो के बीच रख लिया।

अब मुझे उसकी गरम जाँघो के बीच एक मुलायम रेशमी एहसास हुआ और यह उसकी चूत थी, क्योंकि दिव्या ने पेंटी नहीं पहन रखी थी और मेरा लंड का टोपा उसकी झांटो में घूम रहा था। अब मेरा सब्र का बाँध टूट रहा था, में दिव्या से बोला कि दिव्या मुझे अब कुछ कुछ हो रहा और में आपे में नहीं हूँ प्लीज़ मुझे बताओ ना में अब क्या करूं? दिव्या कहने लगी कि करो ना मुझे चोदो ना फाड़ डालो मेरी चूत को अब तुम मेरी चुदाई करना शुरू करो।

अब में चुपचाप उसके चेहरे को देखते हुए बूब्स को मसलता रहा था और उसने अपना मुँह मेरे मुँह से बिल्कुल सटा दिया और फुस फुसाकर कहने लगी कि अब तुम अपनी दिव्या को चोदना शुरू करो और अब तुम्हे किसका इंतजार है? यह बात मुझसे कहते हुए दिव्या अपने एक हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत के मुहं पर रखकर ठीक निशाने पर लगाकर अंदर जाने का रास्ता दिखा रही थी.

और फिर रास्ता मिलते ही मेरे लंड का टोपा एक ही धक्के में चूत के अंदर चला गया और इससे पहले की दिव्या संभले या अपना आसान बदले, मैंने दूसरा धक्का भी लगा दिया और अब मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी मखमल जैसी मुलायम चूत की जन्नत के अंदर चला गया। अब दिव्या उस दर्द की वजह से चिल्लाने लगी ओह्ह्ह्ह ऊउईईईई हाँ तुम ऐसे ही कुछ देर हिलना नहीं मुझे बड़ी तेज जलन हो रही है तुम्हारे लंड ने मुझे मार ही डाला ऊफ्फ्फ्फ़ मेरे राजा।

दोस्तों दिव्या को बहुत दर्द हो रहा था, क्योंकि आज पहली बार जो वो इतना मोटा और लंबा लंड अपनी चूत में ले रही थी और में उसका दर्द देखकर अपना लंड उसकी चूत में डालकर कुछ देर चुपचाप लेटा ही रहा। फिर कुछ देर दर्द कम होने के बाद दिव्या की चूत फड़क रही थी और वो अंदर ही अंदर मेरे लंड को जकड़ रही थी और तेज सांसे लेने की वजह से उसके उठे हुए बूब्स बहुत तेज़ी से ऊपर नीचे हो रहे थे। “Sexy Kahaniyo Ki Kitab”

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अब मैंने अपने एक हाथ को आगे बढ़ाकर उसके दोनों बूब्स को पकड़ लिया और फिर निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा था, जिसकी वजह से कुछ देर दिव्या को कुछ राहत मिली और उसने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया। अब दिव्या मुझसे कहने लगी ऊफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह अब तुम मुझे चोदना शुरू करो और मैंने धक्के देने शुरू किए, उसकी चूत को चीरता हुआ मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर चला गया।

फिर दिव्या मुझसे कहने लगी अब तुम लंड को बाहर निकालो, लेकिन में अपने लंड को धीरे धीरे अपनी बहन की चूत के अंदर बाहर करने का काम वैसे ही कर रहा था। फिर दिव्या ने मुझे अपने धक्को की रफ्तार को तेज करने को कहा और मैंने अपनी रफ्तार को पहले से ज्यादा बढ़ा दिया और में बड़ी तेज़ी से अपने लंड को चूत के अंदर बाहर करने लगा था.

जिसकी वजह से अब दिव्या को पूरी मस्ती आ रही थी और वो नीचे से अपनी कमर को उठा उठाकर मेरे हर एक धक्के का जवाब देने लगी थी। अब उसके रसीले बूब्स मेरी छाती पर रगड़ने लगे थे, उसने अपने गुलाबी होंठो को मेरे होंठ पर रख दिया और वो मेरे मुँह में अपनी जीभ को डालकर मज़े लेने लगी थी और अपनी चूत में मेरा लंड समाए हुए तेज़ी से ऊपर नीचे हो रहा था।

अब मुझे वो सब करके महसूस हो रहा था कि में जन्नत में पहुँच गया हूँ और जैसे ही वो झड़ने के करीब आ रही थी, इसलिए उसकी रफ्तार बढ़ती ही जा रही थी। अब पूरे कमरे में फच फच की आवाज़ गूँज रही थी में और में दिव्या के ऊपर लेटकर धनाधन धक्के देने लगा था और दिव्या ने अपने एक पैर को मेरी कमर पर रखकर मुझे जकड़ लिया और वो ज़ोर ज़ोर से अपने कूल्हों को उठा उठाकर चुदाई में साथ देने लगी थी।

फिर में भी अब दिव्या के बूब्स को ज़ोर से मसलते हुए मस्त धक्के लगा रहा था और पूरा कमरा हमारी चुदाई की आवाज़ से भरा हुआ था। फिर दिव्या अपनी कमर को हिलाकर कूल्हों को उठा उठाकर चुदाई करवा रही थी और वो बोले जा रही थी हाँ ऊफ्फ मेरे राजा में मर गई ऊह्ह्ह्ह चोदो मेरे राजा शुरू करो चोदो मुझे हाँ ले लो मज़ा आज तुम मेरी जवानी का मज़ा और वो अपनी गांड को हिलाने लगी। “Sexy Kahaniyo Ki Kitab”

अब मैंने लगातार 45 मिनट तक उसको धक्के देकर चोदा। में भी बोल रहा था ऊउफ़्फ़्फ़ हाँ ले मेरी रानी आह्ह्ह्ह मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर आहह्ह्ह्ह ऊऊहह्ह्ह क्या जन्नत का मज़ा आह्ह्ह्ह। अब वो अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा लंड अपनी चूत में ले रही थी और में भी पूरे जोश के साथ उसके बूब्स को मसल मसलकर अपनी रांड को चोदे जा रहा था।

अब दिव्या जोश मज़े की वजह से मुझे ललकारकर कहने लगी थी, ऊफ्फ्फ हाँ लगाओ धक्के मेरे राजा हाँ ऐसे ही तुम मुझे चोदो वाह मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है। फिर में जवाब देकर उसको कहने लगा हाँ यह ले मेरी रानी ले हाँ तू पूरा ले अपनी चूत में बुझा ले अपनी प्यास को और मेरे भी जोश को आज ठंडा कर दे। अब वो कहने लगी थी, हाँ ज़रा और ज़ोर से सरकाओ तुम अपना लंड मेरी चूत में मेरे राजा, हाँ मुझे यह अपने अंदर महसूस करके बड़ा अच्छा महसूस हो रहा है।

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फिर मैंने जोश में आकर तेज धक्के देते हुए उसको कहा कि हाँ यह ले मेरी रानी यह ले तू मेरा लंड यह तो बस तेरे लिए ही है। अब वो जोश में आकर कहने लगी, देखो मेरे राजा मेरी यह चूत तो अब तेरे लंड की दीवानी हो चुकी है हाँ और ज़ोर से और ज़ोर से आईईईई मेरे राजा में गई ऊऊईई काम से कहते हुए मेरी बहन ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसकी चूत ने ज्वालामुखी का लावा छोड़ दिया।

अब तक मेरा भी लंड वीर्य को छोड़ने ही वाला था, क्योंकि में करीब बीस मिनट से लगातार उसको मज़े देते हुए धक्के दे रहा था और में उसको कहने लगा हाँ अब में भी आया मेरी जान, मेरा भी अब निकलने वाला है। फिर उसको यह कहते हुए मैंने भी अपने लंड का वीर्य उसकी चूत की गहराईयों में तेज धक्के के साथ निकाल दिया और अब में हाँफते हुए उसकी छाती पर अपने सर को रखकर उसके बदन से कसकर चिपककर लेट गया।

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