बेटे के दोस्त से चुदवाने की इच्छा-3
शबनम ने आधे खुले होंठों के साथ अंकित की आँखों में गहराई से देखा. उसकी आँखें इच्छाओं की आग से जल रही थीं. अंकित को पाने की इच्छा. इस बार और हर बार पूरी होने की इच्छा.
शबनम ने आधे खुले होंठों के साथ अंकित की आँखों में गहराई से देखा. उसकी आँखें इच्छाओं की आग से जल रही थीं. अंकित को पाने की इच्छा. इस बार और हर बार पूरी होने की इच्छा.
जब से उसने अपने बेटे के दोस्त का लंड देखा था, वो उसे भुला नहीं पा रही थी. शायद वो उसको पाना चाहती थी. लेकिन बेटे का दोस्त तो बेटा ही होता है न! तो क्या करे वो?
माँ को बहुत मज़ा आ रहा था यहाँ तक कि वो नीचे से गांड उठा-उठा कर हर धक्के का जवाब देने लगी थी. लेकिन ज्यादा तेजी के कारण मेरा लण्ड बाहर फिसल जा रहा था.