मेरा लंड खाने की जुगाड़ में थी

Wife Fuck Hubby Friend

मैं सूरज हूँ। मैं 32 साल का आदमी हूँ। मेरी शादी हो चुकी है। मैं बहुत ही सेक्सी मर्द हूँ। मुझे नई नई औरतों की नई नई बुर चोदना बहुत पसंद है। अगर आपके दोस्त की बीबी कयामत जैसी खूबसूरत हो तो आप क्या करेंगे। क्या आप उसकी चूत नही मारना चाहेंगे। ठीक ऐसा ही मेरा साथ हुआ। मेरे कई दोस्त है पर दिलीप मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। Wife Fuck Hubby Friend

वो अभी एक प्राइवेट जॉब कर रहा है। मेरा दिलीप के घर रोज का आना जाना था। उसकी बीबी विदिशा बिलकुल विदिशा कपूर जैसी सेक्सी औरत थी। मेरी उससे काफी बैठती थी। मुझे और विदिशा को गाने का बड़ा शौक था। जब भी उसके घर जाता था वो मुझे कोई न कोई नया गाना गाकर सुनाती थी। जबकि दिलीप को संगीत में कोई इंटरेस्ट नही था।

वो दब्बू टाइप का मर्द था। देखा जाए तो वो विदिशा जैसी मस्त माल के लायक ही नही था। पर किस्मत से उसको मिल गयी। कुछ दिनों बाद ही मेरे दिल में विदिशा की ठुकाई की ख्वाहिश होने लगी। एक दिन मैं दिलीप के घर गया। विदिशा काली रंग की साड़ी ब्लाउस में थी। बहुत गजब की सामान दिख रही थी।

“दिलीप किधर है विदिशा भाभी??” मैं कहा.

“तुम तो हमेशा दिलीप की ही बात करते हो। मेरी तरफ तो देखते ही नही” विदिशा बोली.

“भाभी!! मैं तो हमेशा तुम्हारे ही बारे में सोचता रहता हूँ पर लोक लाज से डरता हूँ। कही कोई कुछ कहे न” मैं विदिशा से बोला.

“कोई कुछ नही बोलेगा। आओ कमरे में चले” विदिशा बोला.

मैं समझ गया की आज ये चुदने के मूड में है। मैं भी रूम में चला गया। वैसे ही मकान में कोई नही था। विदिशा मेरे बिलकुल पास आ गयी। मुझे देखने लगी। मैं भी उसे ताड़ने लगा। फिर वो भी मुझे पकड़ ली और गले लग गयी। मैं क्यों पीछे रहता। मैंने भी उसे कलेजे से लगा लिया। अब दोनों लोग गरमा गये। विदिशा ने इसकी शुरुवात कर दी।

मेरे ओंठो की तरफ अपने लब बढ़ाने लगी। मैं भी आगे बढ़ता गया और हम लोगो के लब टकरा गये। मैं भी गरमा गया। उसे पकड़ लिया और लब से लब मिलाकर चूसने लगा। विदिशा भी मेरे लब चूस रही थी। हम दोनों किसी बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड की तरह किस करने लगे। मैंने उसे अच्छा सा चूस डाला। मेरा लंड उसी वक्त मेरी पेंट में खड़ा हो गया।

इसे भी पढ़े – दीदी की बेटी सनी लिओनी जैसे सेक्सी डांस की

“सूरज!! क्या तुम मेरी बुर चोदोगे???” विदिशा बोली.

“जान!! बुर क्या तुम चाहोगी तो मैं तुम्हारी गांड भी मार दूंगा” मैं हसंकर बोला.

“तो चलो बिस्तर तुम्हारा वेट कर रहा है” विदिशा किसी छिनाल औरत की तरह बोली.

वो अपना हाथ मेरे पेंट पर लगाने लगी। अंदर ही मेरा लंड कुलबुला रहा था। विदिशा ने उपर से ही मेरा 7 इंची लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी।

“तू तो बहुत गर्म माल है विदिशा” मैं बोला.

फिर उसे लगे से लगा लिया। आज मुझे उसकी गर्मी को शांत करना था। अब मैं समझा की ये साली मुझे कुछ महीने से इतना चाय पकोड़ा क्यों खिला रही थी। साली मेरा लंड खाने के जुगाड़ में थी। मेरे अंदर चुदाई वाला राक्षस जाग गया। विदिशा को सीने से लगाकर उसके गाल, गले को किस करने लगा। उसे गुदगुदी हो रही थी। दोस्तों दिलीप की बीबी बड़ी गोरी चिट्टी माल थी। उसके चिकने गालो पर मैंने दांत चुभो दिया। वो सिसकने लगी।

“ब्लाउज उतार साली!! आज तेरी गर्मी को शांत कर दूँ” मैं किसी चोदू बदतमीज मर्द की तरह बोला.

विदिशा फटाफट अपना ब्लाउस खोलने लगी। उनका फिगर जबरदस्त था। 34 32 34 का फिगर था। ठीक ठाक औरत दिखती थी। चोदने लायक माल थी।

“लो सूरज!! मेरे दूध तेरा वेट कर रहे है!! चूस लो इनको” विदिशा बोली

दोस्तों माल तो जबर्दस्त थी। उसकी चूचियां बिलकुल देसी स्टाइल की तरह थी। जैसी हमारी भाभी लोग की होती है। मैं हाथ लगाकर छूने लगा। विदिशा अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….करने लगी। मैं खड़े खड़े ही उसके कड़े कड़े मम्मे दबाने लगा। पागल हुआ जा रहा था। वो कसक रही थी। फिर मैं झुका और उसकी चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा।

दिलीप की बीबी ….अअअअअ….आहा …हा हा सी सी सी” करने लगी। मैं भी मौका पर चौका मारने लगा। उसकी कसी कसी चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा। मुंह चला चलाकर रस पी रहा था। मुलायम दूध को बड़े प्यार से दबा दबाकर चूस रहा था। विदिशा चुदासी होने लगी।

“पी लो सूरज!! चूस लो आज मेरी जवानी को” वो कहने लगी खड़े खड़े ही मैंने उसकी उभरी चूची को खूब पीया। फिर दूसरी वाली मुंह में लेकर पिल गया। उसे भी मैंने दाब दाब कर चूसा।

“बड़ा अच्छा चूसते हो जान” वो कहने लगी.

दोस्तों मेरा दोस्त दिलीप तो साला गांडू था। अच्छी बीबी को कैसे पेलते है जानता ही नही था। विदिशा की दूध को वो अच्छे से चूस भी नही सका था। वो सब जिम्मेदारी मैं ही निभा रहा था। मैं ही चूस चूसकर सब फर्ज निभा रहा था। उसके मम्मे कड़े कड़े और तने हुए थे। जरा भी ढीले नही थे। मैं दूसरी वाली दूध को भी अच्छे से चूस डाला। विदिशा सरेंडर हो गयी थी।

““……अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्……सूरज!! चल बिस्तर पर चलते है” विदिशा भाभी कहने लगी.

“पहले मेरे लंड को चूस अच्छे से” मैं बोला.

विदिशा कारपेट पर ही बैठ गयी। मेरी बेल्ट खोलने लगी। मेरी पेंट उतार दी। फिर नीचे कर दी। मेरे नेकर को नीचे की। मेरा 7 इंच का लंड महाराज उसके सामने प्रकट हो गया। उम्म्मम!! क्या खूब है वो कहने लगी। फिर हाथ में लेकर फेटने लगी। मैं …….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….कर रहा था। विदिशा इकदम देसी छिनाल दिख रही थी। मेरा लंड तो किसी ट्रोफी जैसा दिख रहा था। विदिशा नीचे बैठकर अच्छे से फेट रही थी।

“और अच्छे से मुठ दे साली!! तब ही तो मजा आएगा” मैं बोला.

विदिशा और अच्छे से लंड को पकड़कर मुठ देने लगी। मैं तो जन्नत में पहुच गया था। मेरे गुलाबी लंड 7 इंची लम्बे और 2.5 इंची मोटे लंड की एक एक नस तन गयी। विदिशा ने मेरी अच्छी खुशामद कर दी। फिर ललचाकर मुंह में लेकर चूसने लगी। मैं तो मस्त हो गया था। वो लंड को मुंह में अंदर तक घुसा ली और मस्ती से चूसने लगी। मुझे खूब आनन्द मिलने लगा। मैं भी …..सी सी सी सी….कर रहा था।

““ohh!! yes yes बेबी!! और अच्छे से चूस” मैं कह रहा था।

बैठे बैठे वो 15 मिनट मेरी लंड चुसाई कर डाली। मेरा लंड गर्म होकर अपना पानी चोदने लगा। मैं उसी वक्त विदिशा की छोटी पकड़ी और अपने लंड को पकड़कर उसके पूरे मुंह में घिसने लगा। मैं उसके चेहरे को अपने लंड से पीट रहा था। मेरी वासना ज्वलनशील पेट्रोल की तरह धधक रही थी। आज विदिशा को अच्छे से चोदने के मूड में था मैं।

दोस्तों मैंने भी अपने लंड के सुपाडे को उसके गाल, आँखों, नाक, ओंठो पर खूब घिसा। दिलीप की बीबी विदिशा के पूरे चेहरे पर मेरा माल लभेड गया था। वो चुप चाप सब करवा रही थी। उसके बालो को छोटी पकड़कर मैं उसके चेहरे पर लंड घिसाई अच्छे से कर डाली। उसके 34” दूध को मैंने पकड़ा और लंड गड़ाने लगा। कुछ देर उसकी चूची पर लंड से पेंटिंग करता रहा और घिसता रहा।

इसे भी पढ़े – 2 टीचर ने कुंवारी छात्रा को पटा लिया

“चल नंगी होकर बिस्तर पर लेट जा” मैं बोला.

विदिशा अपनी साड़ी खोने लगी। फिर पेतोकोट उतार डाली। अब वो सिर्फ काली पेटी में थी। उसने खुद अपनी पेंटी उतार दी और दोनों टांग खोलकर बिस्तर पर पहुच गयी। दोस्तों जैसी कोई कुतिया मैदाम में अपनी दोनों टांग खोलकर लेटी होती है दिलीप की बीबी विदिशा ठीक उसी तरह दिख रही थी।

इधर मैं अपने कपड़े उतारने लगा। नंगा हो गया। विदिशा केपास चला गया। मुझे सिर्फ उसकी मस्त मस्त बुर दिख रही थी। साफ़ सुंदर बुर थी रंडी की। मैं भी उसके उपर लेट गया और जीभ लगाकर उसकी साफ़ चूत पर अटैक कर दिया। जीभ लगा लगाकर चूसने लगा। अब दिलीप की बीबी “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..”किये जा रही थी।

उसकी चूत लाल लाल थी। क्या सेक्सी चूत थी दोस्तों। मैं तो मुंह जीभ लगा लगाकर अच्छे से चूस रहा था। विदिशा की चूत अभी कुवारी जैसी दिख रही थी। जादा फटी हुई नही थी। इसे मालुम होता था की अभी तक जादा नही चुद पायी है। क्या सेक्सी लब थे चूत के। किनारों को मैं खुदरी जीभ से खोद खोदकर चूस रहा था। मेरी लाइफ चमक गयी थी।

““चूस सूरज!! और मेहनत से चूस!! मजा आ रहा है!! विदिशा छिनाल की तरह कहने लगी.

मैं भी और अच्छे से चाटने चूसने लगा। उसकी बुर बार बार अपना देसी घी छोड़ती थी जिसे मैं चाट जाता था। मैं उसे अच्छे से गर्म कर दिया। फाई अपने लंड को ताव में पकड़ लिया और जोर जोर से फेटने लगा। विदिशा बिस्तर पर तडप रही थी। साफ़ था की अब उसे लंड चाहिये था। फिर मैं वही किया। अपने लंड के सुपारे को उसकी बुर पर रखा और धक्का मारने लगा।

लंड अंदर सरक गया। अब मैं लेने लगा। दिलीप की बीबी “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..”करने लगी। मैं उसे खाने लगा। उसने मेरे उँगलियाँ में अपनी उँगलियाँ फंसा दी। मैं उसकी बुर में अपने 7 इंची विशाल लंड की सप्लाई करने लगा। विदिशा कुलांचे भरने लगी। मैं धकाधक उसका काम तमाम करने लगा। फिर विदिशा अपनी कमर बड़ी ऊँचे उठाने लगी।

“ले साली!! आज अच्छे से चुदवा ले!!” मैं बोला.

और गमागम उसकी बुर में लंड से ठुकाई पेलाई करता रहा। विदिशा कामवासना से उई उई ई ई करने लगी। मैं और जादा उसका गेम बजा डाला। फिर जल्दी जल्दी धक्के मारते मारते झड़ गया। अपना पानी मैंने उसके बिल में छोड़ दिया। हम दोनों का पसीना बहने लगा। मैं भी हांफ रहा था।

“कहो विदिशा भाभी मजा आया की नही??” मैं पूछने लगा.

“जिसका देवर इतना मस्त हो उसे मजा क्यों नही आएगा” वो बोली.

मैं उसी वक्त उसके मुंह में लंड डाल दिया और मुंह को चोदने लगा। विदिशा फिर से मस्ताने लगी। मैंने उसे बेड पर घुमाकर लिटा दिया। अब उसका मुंह मेरी तरफ था और चूत दूसरी साइड। उसमे मुंह में लंड घुसाकर कमर हिला रहा था। अंदर बाहर कर रहा था और उसकी मस्त मस्त बुर को हाथ लगाकर छेड रहा था। इस तरह से बड़ा मजा लिया।

“चल कुतिया बन जा!!” मैं बोला.

विदिशा किसी अच्छी लड़की की तरह कुतिया बन गयी। उसकी नंगी पीठ पर हाथ लगाकर मैं चेक कर रहा था। फिर ओंठो से उसकी नंगी पीठ को किस करने लगा। बार बार सहला रहा था।

“सूरज!! मेरी गांड में लंड दे दो” विदिशा कहने लगी.

अब उसके चूतड़ पर मैं आ गया। किस करने लगा। हाथ से छू छूकर टच कर रहा था। विदिशा के चूतड़ गुब्बारे की तरह फुले थे और काफी सेक्सी थे। मैं अब लपर लपर दबा दबाकर मजे लूट रहा था। फिर चूतड को दांत से काटने लगा। दिलीप की बीबी “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….”करने लगी। काफी देर तक मैं उसके पिछवाड़े से खेलता रहा। फिर उसकी गांड पर पहुच गया।

विदिशा की गांड क्या खूब थी। लाल लाल दिख रही थी। मैं जीभ लगाकर चाटने लगा। उसकी चींखे निकलवा दी। वो उम्म्म्म उंह उंह करने लगी। मैं किसी ठरकी आदमी की तरह जल्दी जल्दी चाटकर साफ़ करने लगा। विदिशा कुतिया बनी रही। अब अपने 7 इंच के लंड महाराज को पकड़कर उसके पुट्ठे पर प्यार वाली थपकी दे रहा था। विदिशा मस्त हो गयी थी। कुछ देर उसके फूले फूले पुट्ठो की पिटाई की। फिर गांड के छेद में लंड घुसाने लगा।

“सूरज भैया!! आराम से घुसाओ!! दर्द होता है” विदिशा कहने लगी.

मैंने अपने लौड़े को मजबूती से पकड़ा और उसकी गांड में घुसाने लगा। दोस्तों, इतना कसा छेद था की अंदर जाने का नाम ही नही ले रहा था। मुझे लगता है की दिलीप ने एक बार भी उसकी गांड नही मारी है। आज वो महान दायित्व मैं निभा रहा था। मैं हिम्मत नही हारा। गांड के छेद में धक्के देता रहा। फिर मुझे सफलता मिल गयी। मेरा लंड 3 इंच उसकी गांड को फाड़ते हुए अंदर घुस गया।

““हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….मर गयी सूरज भैया” विदिशा दर्द में सिसककर बोली.

मैं उपर से उसकी गांड में थूक दिया। इससे लंड और चिकनाई पा गया और सट से 7 इंच अंदर घुस गया। विदिशा का मुंह बन गया। दर्द से उसके चेहरे पर शिकन आ गयी। मैंने उसके दोनों चूतड़ को कसके पकड़ लिया जिससे रंडी भाग न सके। फिर उसकी गांड चोदने लगा।

विदिशा दर्द में चींख रही थी। वो ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी… हा हा.. ओ हो हो….”कर रही थी। उसकी हालत पतली थी। मैंने उसे एक सेकंड का टाइम नही दिया। जल्दी जल्दी उसकी कुवारी कसी गांड में लंड दौडाने लगा। विदिशा मिमियाने लगी। अब मुझे दुगुना जोश चढ़ गया। जल्दी जल्दी उसकी गांड की पेलाई करने लगा। दिलीप की बीबी की माँ चोद डाली मैंने।

“….सी सी सी सी.. हा हा हा …..लगता है आज मर जाउंगी!!” विदिशा कहने लगी.

इसे भी पढ़े – होटल की मालकिन नाईट सूट में सेक्सी लग रही थी

मैं बिना कुछ बोले उसकी गांड फाड़ रहा था। उसका हलुआ बना रहा था। वो कुतिया बनी हुई थी। अब मेरी वासना और बढ़ गयी। अचानक मैंने उसके दोनों चूतड़ पर कस कसके चांटे मारने शुरू कर दिए। अब विदिशा को और कस्ट मिलने लगा। उई उई करने लगी।

“चुप साली!! अपनी क्यों उई उई करती है!! अभी तो कह रही थी मेरी गांड मार दो” मैं कहा.

मजबूरन उसे चुप हो जाना पड़ा। अब मेरी आँखे किसी शराबी की तरह लाल लाल हो गयी थी। मेरे अंदर सिर्फ चुदाई वाला जूनून भरा हुआ था। मैं उसके गांड के बिल को देख देखकर उसकी चुदाई कर रहा था। दिलीप की बीबी “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” बोल रही थी। मैं दिमाग लगाकर गेम खेल रहा था।

जादा तवज्जो नही दे रहा था वरना जल्दी झड़ जाता। फिर मैं झड़ने वाला हो गया। फौरन अपना लंड उसके गांड के बिल से बाहर खिंच लिया और दूर चला गया। विदिशा हाफ्ते हुए बायीं तरह मुंह करके बिस्तर पर लुढ़क गयी। वो भी लम्बी लम्बी आहे भर रही थी। कुछ देर मैं उससे अलग रहा। “चल कुतिया बन छिनाल” मैं फिर बोला. विदिशा फिर कुतिया बन गयी। फिर से मैंने उसकी गांड में लंड डाल दिया और चोद लिया। फिर उसमें ही पानी छोड़ दिया।

ये Wife Fuck Hubby Friend की कहानी आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और Whatsapp पर शेयर करे…………………

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *